पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन का पावन त्योहार सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम को समर्पित है। इसे पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 19 अगस्त दिन सोमवार पूर्णिमा तिथि शुक्ल पक्ष धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा। धनिष्ठा नक्षत्र पंचक का नक्षत्र है।
पंचकों का राखी के शुभ अवसर पर विचार नहीं किया जाता है, केवल राहु काल को देखा जाता है। सावन पूर्णिमा तिथि का आरंभ 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 05 मिनट से होगी और रात 11 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। राखी बांधते समय हर बहन को निम्न मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए, येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
ज्योतिषी गिरीश आहूजा ने बताया वैसे तो भाई की कलाई पर राखी बांधने का कोई भी समय अशुभ नहीं होता है। लेकिन शास्त्रों में हर शुभ काम के लिए एक शुभ मुहूर्त का निर्धारण किया गया है। मान्यता है कि भाई की दीर्घायु और खुशियों की कामना एक शुभ मुहूर्त में की जाए तो सारे दुख कष्ट दूर होते हैं। रक्षाबंधन के दिन अशुभ चौघड़िया, राहुकाल का भी ध्यान रखें।