हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर खोलने के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार की याचिका पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने फैसला दिया है कि शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। बॉर्डर पर यथास्थिति बनी रहेगी। मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
शंभू बॉर्डर के खोलने संबंधी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इस दौरान पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों की तरफ से एक स्वतंत्र कमेटी गठित करने के लिए प्रतिष्ठित लोगों के नाम अदालत में रखे जाएंगे, जो कि इस मामले को सुलझाने के लिए काम करेंगे। गत सुनवाई पर अदालत ने यह आदेश दिए थे। साथ ही साफ किया था कि अगर वह ऐसा नहीं कर सकते है तो यह काम कोर्ट पर भी छोड़ा जा सकता है। वहीं शीर्ष अदालत ने कहा था कि बॉर्डर पर कोई अप्रिय घटना न हो। ऐसे में यथास्थिति बनाई जाए। बैरिकेड्स हटाने के लिए योजना पेश करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बॉर्डर बंद करने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है।
फसलों के एमएसपी को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से संघर्ष पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।