Share Market Crash: बाजार इन 5 कारणों से हुआ धड़ाम, Sensex 1000 अंक टूटा, Nifty 24300 के करीब

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भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: मौका या धोखा?

बाजार की मौजूदा स्थिति

शेयर बाजार में भारी गिरावट का माहौल है। निफ्टी 24,300 के करीब है और बैंक निफ्टी में 841 से 850 अंकों की गिरावट देखी जा रही है। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स भी दबाव में हैं। विदेशी बाजारों से समर्थन नहीं मिलने के कारण भारतीय बाजार में बिकवाली का रुख हावी है।

वैश्विक और घरेलू संकेत

  • वैश्विक बाजार का असर: यूरोप और अमेरिका के बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। डाओ फ्यूचर्स 150 अंकों की गिरावट के साथ चल रहा है, जबकि नैस्डैक में भी नरमी है।
  • घरेलू संकेत: भारतीय रुपए में कमजोरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है।

सेक्टोरल प्रदर्शन

  • फाइनेंशियल और बैंकिंग सेक्टर: वित्तीय और बैंकिंग स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी जा रही है। छोटे और मझोले बैंकों में भी बिकवाली का दबाव है।
  • ऑटो सेक्टर: ऑटो स्टॉक्स में भी गिरावट जारी है।
  • ऑयल और गैस: रिलायंस जैसे प्रमुख स्टॉक्स में भी कमजोरी नजर आ रही है।
  • रियल एस्टेट और आईटी: कुछ हद तक बाजार को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।

बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

  1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: दिसंबर में 11,428 करोड़ रुपये की बिकवाली देखी गई है।
  2. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त नीतियां: ब्याज दरों में संभावित वृद्धि बाजार के लिए नकारात्मक संकेत दे रही है।
  3. कमजोर आर्थिक आंकड़े: भारतीय अर्थव्यवस्था के मौजूदा संकेतक बाजार पर दबाव डाल रहे हैं।

क्या करें निवेशक?

विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में फिलहाल सतर्कता बरतना जरूरी है।

  • तकनीकी दृष्टिकोण: निफ्टी का सपोर्ट लेवल 24,200-24,000 के बीच है। 24,600 के ऊपर बंद होने पर ही बाजार में स्थिरता देखने को मिलेगी।
  • स्टॉक विशेष रणनीति:
    • सेलिंग सुझाव: एस्कॉर्ट्स में बिकवाली का सुझाव है।
    • खरीदारी का मौका: आरसीएफ में खरीदारी की सलाह दी जा रही है।

बाजार का भविष्य: क्या उम्मीद करें?

बाजार में गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञ मानते हैं कि फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में कटौती से स्थिरता आ सकती है। फिलहाल, निवेशकों को सतर्क रहने और शॉर्ट टर्म ट्रेड्स पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।

निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता पैदा कर दी है। यह समय है बाजार को समझदारी से परखने का और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने का।