वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयरधारकों के लिए आज का दिन काफी खास है. सरकार के एक बड़े फैसले के चलते इसके शेयरों में 10 फीसदी की तेजी देखने को मिली. यह तेजी कैबिनेट द्वारा टेलीकॉम ऑपरेटरों को 2022 तक खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए बैंक गारंटी देने की अनिवार्यता खत्म करने के फैसले के बाद आई. वोडाफोन आइडिया को इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा हुआ, क्योंकि कंपनी पर सितंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच लगभग 24,700 करोड़ रुपये की गारंटी जमा करने का बोझ था.
इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर 10% उछलकर 7.67 रुपये के स्तर तक पहुंच गए. हालांकि, पिछले एक महीने में इसके शेयरों में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. वोडाफोन आइडिया की कुल देनदारी (ब्याज समेत) 2.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम भुगतान और 70,300 करोड़ रुपये एजीआर (Adjusted Gross Revenue) बकाया शामिल हैं.
5G रोलआउट और भविष्य की योजना
कंपनी ने हाल ही में 42,000 नई 4G साइट्स जोड़ी हैं, और 19,700 3जी साइट्स बंद कीं. वोडाफोन आइडिया अगले तीन वर्षों में 50,000 से 55,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (Capex) करने की योजना बना रही है. कंपनी 2025 की चौथी तिमाही तक प्रमुख क्षेत्रों में 5G सेवाएं शुरू करने और सितंबर 2025 तक 120 करोड़ की 4G कवरेज तक पहुंचने का लक्ष्य रखती है.
ग्राहकों का पलायन और टैरिफ प्रभाव
जुलाई 2024 में टैरिफ बढ़ने के कारण वोडाफोन आइडिया के कई ग्राहक BSNL में चले गए थे. हालांकि, अगस्त 2024 से यह ट्रेंड बदलने लगा है. कंपनी को उम्मीद है कि अगली दो तिमाहियों में टैरिफ वृद्धि का पूरा असर दिखेगा.
जियो और एयरटेल ने स्पेक्ट्रम बकाया को पहले से चुका कर अपने ब्याज खर्च को कम किया है. जियो पर सालाना 4,000 करोड़ रुपये और एयरटेल पर 3,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी का दायित्व है.