संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में हरियाणा के बहादुरगढ़ के शौर्य अरोड़ा ने 14वीं रैंक हासिल कर हरियाणा का मान बढ़ाया है। 24 वर्षीय शौर्य के पिता ने भी आईएएस बनने का सपना देखा था, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। पिता के मन में आईएएस न बन पाने की कसक ने ही शौर्य को सिविल सेवा के प्रति प्रेरित किया और उन्होंने पिता का सपना पूरा करने के लिए दिन रात मेहतन की।
बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 निवासी शौर्य अरोड़ा ने बताया कि उनके पिता भूषण अरोड़ा ने भी संघ लोक सेवा आयोग की चार बार परीक्षा दी थी, लेकिन किसी में भी सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने की जिद ठानी और अब उसे हासिल कर लिया। पिता भूषण अरोड़ा, मां आरती अरोड़ा, दादा इंद्रजीत लाल व दादी शांति देवी पौते की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उन्होंने शौर्य को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया।
शौर्य ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई बीवीएम (बाला विद्या मंदिर) स्कूल चेन्नई से की। 12वीं में 98.3 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। मुंबई आईआईटी से बीटेक किया। शौर्य ने 2022-23 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में सफलता मिली। उनका ऑप्शनल विषय फिजिक्स रहा। शौर्य ने बताया उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली। केवल सेल्फ स्टडी पर ही फोकस किया। पढ़ाई 7 से 8 घंटे लगातार की।
शौर्य के परिवार में बहन अंशू अरोड़ा मुंबई में आईआईटी में है। पिता भूषण अरोड़ा और मां आरती अरोड़ा पूर्व में आईटी सेक्टर में साफ्टवेयर इंजीनियर रहे हैं। फिलहाल माता और पिता दोनों घर पर ही रहते हैं। दादा इंद्रजीत लाल दिल्ली में सरकारी अध्यापक रहे हैं। जबकि दादी हरियाणा में सरकारी अध्यापक तैनात थी। अब सेवानिृवत्त हो चुके हैं।