सिरसा थेहड़ भूमि विवाद: कुमारी सैलजा ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को लिखा पत्र,पुरातत्व विभाग के दावे पर उठाए सवाल

0
12

सिरसा थेहड़ भूमि विवाद: कुमारी सैलजा ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को लिखा पत्र

पुरातत्व विभाग के दावे पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा स्थित प्राचीन थेहड़ (माउंड साइट) को लेकर केंद्रीय पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा है। उन्होंने अनुरोध किया है कि इस स्थल के सही क्षेत्रफल के लिए पुनः सर्वेक्षण कराया जाए, क्योंकि पुरातत्व विभाग जिस 85.5 एकड़ क्षेत्र पर दावा कर रहा है, वह आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना में अधिसूचित नहीं है।

प्रारंभिक सीमांकन और प्रशासनिक प्रक्रियाएं

कुमारी सैलजा ने पत्र में कहा कि प्रारंभ में इस स्थल का कोई सीमांकन नहीं था। बाद में जिला प्रशासन, सिरसा के माध्यम से सीमांकन कराया गया और इस प्रक्रिया के बाद 85.5 एकड़ क्षेत्र का आंकड़ा प्रस्तुत किया गया। पहले हरियाणा राज्य सरकार ने इस स्थल को डी-नोटिफाई किया था और इसकी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी गई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश इसे अदालत द्वारा स्वीकार नहीं किया गया।

 

 

स्थानीय निवासियों की समस्याएं

वर्ष 2017 में प्रशासन ने ऊंचाई पर बसे थेहड़ के 35 एकड़ क्षेत्र को खाली करवाया और वहां रह रहे परिवारों को अस्थायी रूप से अन्य स्थानों पर बसाया गया। इस क्षेत्र में नगर परिषद के छह वार्ड आते हैं, जिनमें लगभग 5,000 मकान और 20-25 हजार लोग रहते हैं। अब प्रशासन 50 एकड़ अतिरिक्त भूमि को खाली कराने की बात कर रहा है, जबकि इस क्षेत्र में लोग पिछले 50-55 वर्षों से रह रहे हैं और उनके पास भूमि की रजिस्ट्री भी मौजूद है।

 

 

 

सर्वेक्षण की मांग

कुमारी सैलजा ने कहा कि पुरातत्व विभाग की कुल कितनी भूमि संरक्षित थी, इसकी सही जानकारी न तो प्रशासन के पास है और न ही पुरातत्व विभाग के पास। उन्होंने मांग की कि इस भूमि का पुनः सर्वेक्षण किया जाए, जिसमें पुरातत्व विभाग के अधिकारियों, प्रदेश सरकार के अधिकारियों और स्थानीय इतिहासकारों को शामिल किया जाए ताकि भूमि के वास्तविक क्षेत्रफल की जानकारी सार्वजनिक हो सके।

 

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का सुझाव

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जिस भूमि को खाली कराया गया है, उसे विकसित कर वहां पर्यटन स्थल या संग्रहालय बनाया जा सकता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जा सकेगा।

 

 

50 एकड़ भूमि का विवाद कैसे उत्पन्न हुआ?

सांसद कुमारी सैलजा ने सवाल उठाया कि 2009 में किए गए सर्वेक्षण में पुरातत्व विभाग की भूमि 35 एकड़ बताई गई थी, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 85.5 एकड़ कैसे हो गया? उन्होंने यह मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पुनः सर्वेक्षण कर सही आंकड़े जनता के सामने रखे जाएं।

निष्कर्ष

यह मामला सिरसा के हजारों निवासियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। अगर पुरातत्व विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़े गलत हैं, तो इससे कई परिवारों को बेघर होने का खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए आवश्यक है कि सरकार इस विवाद को गंभीरता से ले और निष्पक्ष सर्वेक्षण करवा कर इस भूमि की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करे।