देश में देरी से आए मानसून और अनियमित वर्षा के बावजूद खरीफ फसलों की बुवाई उम्मीद के मुताबिक होगी. 9 जुलाई तक 499.87 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की कुल बुवाई की गई है, जो इसी अवधि में बुवाई के सामान्य क्षेत्र (496.85 लाख हेक्टेयर) से 3.02 लाख हेक्टेयर अधिक है। दलहन, तिलहन, गन्ना और कपास के क्षेत्र में वृद्धि हुई जबकि केवल धान , मोटे अनाज की बुवाई में आंशिक कमी आई है। कम वर्षा के चलते धान का रकबा 114.82 लाख हेक्टेयर हो पाया , जो इसी अवधि में सामान्यत: 116.17 लाख हेक्टेयर होता था। कपास की बुवाई 86.45 लाख हेक्टेयर में हो गई है । 1 जून 2021 से 8 जुलाई 2021 तक के बीच देश में वास्तविक संचयी मानसून वर्षा 223.0 मिमी है जो अभी तक केवल 5 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्शाता है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक अनियमित वर्षा को लेकर अभी कोई चिंता नहीं है और मौसम विभाग के मुताबिक 10 जुलाई के बाद लगभग सभी क्षेत्र मानसून की बारिश से सराबोर हो जाएंगे।
दलहन की बुवाई में तेजी
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दलहन का रकबा बढ़कर अभी तक 52.49 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो 9 जुलाई तक की सामान्य अवधि में 50.09 लाख हेक्टेयर था, अरहर की बुवाई 24.85 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि सामान्य क्षेत्र इसी अवधि का 19.10 लाख हेक्टेयर है यानी अरहर में 5.75 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. उड़द की बुवाई 12.75 लाख हेक्टेयर में की गई है. वहीँ मूंग की बुवाई 11.92 लाख हेक्टेयर हुई है।
मक्का की बुवाई में रुझान बढ़ा
मक्का की बुवाई में इस वर्ष किसानों का रुझान अधिक है. मक्का की बुवाई 9 जुलाई तक 49.16 लाख हेक्टेयर में की गई है यानी सामान्य अवधि के 47.81 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.35 लाख हेक्टेयर अधिक है। परन्तु समग्र रूप से मोटे अनाज का रकबा घटा है. अभी तक कुल 73.07 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज वाली फसलों की बुवाई हो पाई है, जो सामान्यत: इस अवधि के 87.36 लाख हेक्टेयर से कम है. ज्वार 5.28 लाख हेक्टेयर में बोया गया है, जबकि इस अवधि का सामान्य रकबा 7.82 लाख हेक्टेयर यानी 2.53 लाख हेक्टेयर कम रह गया है.अनियमित वर्षा के चलते बाजरा भी 28.91 के मुकाबले 15.74 लाख हेक्टेयर में बोया गया है, यानी 13.17 लाख हेक्टेयर कम बुवाई हुई .
सोयाबीन की बुवाई जोरों पर
तिलहन का रकबा इसी सप्ताह के सामान्य 101.19 लाख हेक्टेयर से 11.36 लाख हेक्टेयर बढ़कर 112.55 लाख हेक्टेयर हो गया है. देश के मध्य क्षेत्र के किसानों की दशा- दिशा बदलने वाली सोयाबीन अभी भी किसानों की पहली पसंद बनी हुई है सोयाबीन की बुवाई सामान्य अवधि के 73.00 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 82.14 लाख हेक्टेयर में की गई है जो 9.14 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है, मूंगफली की बुवाई 23.40 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 26.69 लाख हेक्टेयर में की गई है, यानी 3.30 लाख हेक्टेयर में वृद्धि हुई है,. इसी प्रकार सूरजमुखी की बुवाई बढ़ कर 0.80 लाख हेक्टेयर में हुई है . परंपरागत तिलहनी फसल तिल की बुवाई अभी कम है और 2.70 लाख हेक्टेयर ही हुई है ।
गन्ने का रकबा सामान्य अवधि के दौरान 50.09 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 3.47 लाख हेक्टेयर बढ़कर 53.56 लाख हेक्टेयर हो गया।जूट और मेस्टा का रकबा 0.05 लाख हेक्टेयर घटकर 6.93 लाख हेक्टेयर रह गया, जो इसी अवधि में सामान्य 6.98 लाख हेक्टेयर था। कपास का रकबा 1.48 लाख हेक्टेयर बढ़कर 86.45 लाख हेक्टेयर हो गया, जो इसी अवधि के सामान्य के दौरान 84.97 लाख हेक्टेयर था।
देश में 130 जलाशयों में उपलब्ध जल संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि के 93% और पिछले10 वर्षों के औसत संग्रहण का 126% है .महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब राज्यों में अनियमित बारिश के कारण कम क्षेत्र कवरेज है ।पिछले 4 वर्षों के लिए अंतिम क्षेत्र कवरेज की स्थिति तालिका में दी गई है।