अफगानिस्तान पर तालिबानी हुकूमत के चलते वहां के लोग दहशत में हैं। इधर, भारत में रहकर पढ़ाई कर रहे अफगानी स्टूडेंट्स भी चिंतित हैं। ये स्टूडेंट्स इसलिए परेशान हैं क्योंकि अफगानिस्तान में इन्हें अपने घरवालों की चिंता है। स्टूडेंट्स का कहना है कि, तालिबानी बेहद क्रूर और आक्रामक हैं..वे वहां अपना विरोध करने वालों को निशाना बना रहे हैं। नेताओं को भी तालिबानी चुन-चुनकर मार रहे हैं। साथ ही औरतों के रहन-सहन के तौर तरीके बदल दे रहे हैं। हरियाणा के रोहतक में आकर रह रहे कुछ अफगानिस्तानी स्टूडेंट्स ने भारत सरकार से मदद मांगी है। स्टूडेंट्स हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से भी मिले हैं।
डिप्टी सीएम चौटाला से मिले अफगानी स्टूडेंट्स अफगानिस्तानी स्टूडेंट्स की टोली रोहतक में छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल की अगुवाई में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिली, तो अपनी चिंताएं जाहिर कीं। अफगानिस्तानी स्टूडेंट्स के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि, भारत व अफगानिस्तान सरकार के बीच समझौते के तहत यहां यूनिवर्सिटी में 12 अफगानिस्तानी स्टूडेंट्स पढ़ने आए। जिनमें से 9 कोरोनाकाल में वापस अफगानिस्तान लौट गए, जबकि अभी 3 यहीं रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। कुछ दिन इन्हें यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल हॉस्टल में रखा गया। हालांकि, जब कोविड-19 की वजह से हॉस्टल बंद हुए तो इन्होंने पीजी में आश्रय ले लिया। स्टूडेंट्स ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से कहा कि, वे अफगानिस्तान से अपने पेरेंट्स से खर्च चलाने के लिए पैसे मंगा लेते थे। मगर, अब चूंकि वहां संकट आ पड़ा है, इधर हमारे पैसे भी खत्म हो गए हैं। अफगानिस्तान में मची अफरा-तफरी की वजह से परिजन पैसे नहीं भेज पा रहे हैं। वहां हमारी बात भी नहीं हो पा रही।