वे इस संबंध में पिछले दो दिन से हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट के संपर्क में थे। पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है।स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर रोक की मांग भी की गई है। दो दिन पहले रायपुर पुलिस के आला अधिकारियों से फरमान मिला था कि जीपी सिंह की रायपुर में पतासाजी की जाए। हालांकि, उन्हें गोपनीय तरीके से नजर रखने कहा गया था। राज्य शासन व अफसरों को आशंका पहले से ही थी कि आईपीएस जीपी हाईकोर्ट जा सकते हैं। लेकिन बिलासपुर में पुलिस अफसर इसकी पुष्टि नहीं कर पाए। लेकिन रायपुर के अधिकारी उनके बिलासपुर आने की बात कहते रहे।
इसी बीच उनके खिलाफ राजद्रोह का अपराध दर्ज किया गया। लिहाजा, इसके बाद उनके कोर्ट में जाने की संभावना और बढ़ गई थी।याचिका में उनके द्वारा मांग की गई है कि उनके खिलाफ एसीबी और रायपुर सिटी कोतवाली में जो मामले दर्ज किए गए हैं उसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या फिर सीबीआई से कराई जाए। उन्हें सरकार के कुछ अधिकारियों ने ट्रैप कर षडयंत्र के तहत फंसाया है। इसके साथ ही सिंह निचली अदालत में अपनी अग्रिम जमानत याचिका भी लगा रहे हैं। वे इन मामलों को लेकर हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट से सतत संपर्क में हैं और उन्हीं की सलाह पर याचिका दाखिल की जा रही है और रायपुर में अपनी अग्रिम जमानत याचिका भी लगा रहे हैं। याचिका में कहा गया- सालों पुरानी , नाली में फेंकी डायरी पर दर्ज केस को इस याचिका में प्रमुख रूप से जीपी सिंह ने आधार बनाया है। उन्होंने गुरुवार आधी रात रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में धारा 124 और धारा 153 के तहत दर्ज किए गए राजद्रोह के अपराध का भी याचिका में उल्लेख किया है।