हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती, मेरी फसल मेरा ब्योरा में होगी रेड एंट्री, FIR भी होगी दर्ज

parmodkumar

0
31

फतेहाबादहरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार सख्त हो गई है। ऐसी ही सख्ती फतेहाबाद जिले में उस समय देखने को मिली जब प्रशासन ने एक गाइडलाइन जारी की। इस गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर किसान पराली जलाएंगे तो संबंधित किसान के विरुद्ध एनजीटी के निर्देशानुसार चालान जारी कर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसी के साथ मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री की जाएगी। दरअसल फतेहाबाद जिला में धान की पूरे प्रदेश में सबसे अधिक खेती है। धान निकलने के बाद किसान खेतों में पराली को जला देते हैं। पिछले कुछ सालों से पराली जलाने के मामले में फतेहाबाद जिला अव्वल रहा है। अब सरकार ने पराली प्रबंधन पर जोर दिया हुआ है, ऐसे में जहां किसानों से पराली प्रबंधन पर जोर देने की बात कही जा रही है, वहीं उनको यह हिदायत भी दी गई है कि अगर पराली जलाई तो उनपर कार्रवाई होगी।

डीसी बोले होगी सख्त कार्रवाई
फतेहाबाद के डीसी डॉ. विवेक भारती ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला प्रशासन पराली प्रबंधन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसमें सभी नागरिकों का सहयोग अपेक्षित है। फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत तैनात ग्राम स्तरीय नोडल अधिकारी, खंड स्तरीय निगरानी टीम तथा उपमडल स्तरीय निगरानी टीम को निर्देश दिए हैं कि वे हरसेक प्रणाली द्वारा प्रदत्त डेटा एवं लोकेशन के आधार पर अपने-अपने क्षेत्रों में सतत निगरानी रखें। पराली जलाने की सूचना प्राप्त होने पर तुरंत मौके पर पहुंचकर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। पराली जलाने की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी, साथ ही मेरी फसल मेरा ब्यौरा में उनकी रेड एंट्री दर्ज कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के अंतर्गत किसान अपनी पराली को गांठ बनाकर गौशालाओं को सौंपकर या पंचायती भूमि पर भंडारण कर 1200 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना किसानों को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ पराली प्रबंधन को सुलभ बनाने का कार्य कर रही है।

किसानों को लगेगा भारी जुर्माना
उन्होंने बताया कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत धान की पराली में आगजनी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। पराली जलाने पर 5000 रुपये से 30000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, जिन किसानों के नाम मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री के साथ अंकित होंगे, उनकी फसल की सरकारी खरीद आगामी दो सीजन तक एमएसपी पर नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं की सूचना देने हेतु उप कृषि निदेशक के कार्यालय में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।