हरियाणा सरकार का दावा है कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य में अब तक पराली जलाने के 714 मामले सामने आए हैं, जबकि साल 2022 में इस अवधि के दौरान पराली जलाने के 893 मामले सामने आए थे।
हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी है। हरियाणा में अब तक पराली जलाने के 714 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि पंजाब में इससे ढाई गुणा अधिक 1794 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। पराली जलाने पर रोक नहीं लग पाने के चलते हरियाणा के सात शहरों में हवा प्रदूषित हो गई है। प्रदेश में सबसे अधिक फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 325 रहा। इसके अलावा बहादुरगढ़, करनाल, भिवानी, कुरुक्षेत्र, रोहतक, कैथल में एक्यूआई 200 से अधिक है। इन सभी शहरों में हवा खराब श्रेणी में है।
हालांकि, हरियाणा सरकार का दावा है कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य में अब तक पराली जलाने के 714 मामले सामने आए हैं, जबकि साल 2022 में इस अवधि के दौरान पराली जलाने के 893 मामले सामने आए थे। वर्ष 2021 में इनकी संख्या 1508 थी। पड़ोसी राज्य पंजाब के मुकाबले हरियाणा में इस बार भी काफी कम पराली जलाई गई है।
जिलों का एक्यूआई
बहादुरगढ़ | 268 |
करनाल | 266 |
भिवानी | 263 |
मानेसर | 245 |
बल्लभगढ़ | 238 |
रोहतक | 232 |
कुरुक्षेत्र | 226 |
कैथल | 220 |
गुरुग्राम | 202 |
200 से कम एक्यूवाई वाले शहर
जींद | 200 |
सोनीपत | 197 |
यमुनानगर | 189 |
फतेहाबाद | 165 |
चरखी दादरी | 163 |
झज्जर | 143 |
रेवाड़ी | 140 |
नारनौल | 138 |
सिरसा | 129 |
अंबाला | 116 |
पानीपत | 110 |
हिसार | 61 |