– 30वें रैंक से पास की एचपीएससी की परीक्षा, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा पर काम करना है प्राथमिकता
– पांच बार यूपीएससी और एक बार एचपीएससी की परीक्षा में रही असफल, बोली- असफलता से नहीं मानी हार
करनाल। सेक्टर-8 की रहने वाली व्यापार विश्लेषक बेटी गिरिशा चौधरी ने हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित एचसीएस की परीक्षा पास की है। 30वां रैंक लेकर सफलता का परचम लहराने वाली बेटी का आईएएस अधिकारी बनने का सपना है। इसके लिए वह लगातार प्रयासरत है। पांच बार यूपीएससी और एक बार एचसीएस के परीक्षा परिणाम में असफलता के बाद भी बेटी ने हार नहीं मानी। अब सातवें प्रयास में एचसीएस की परीक्षा पास करके अपने सपनों की उड़ान शुरू की है।
बैंक अधिकारी माता-पिता की बेटी गिरिशा का कहना है कि वह सिविल सर्विस में आकर महिला सशक्तिकरण और शिक्षा पर काम करना चाहती है। ताकि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहें। यह उनकी पसंदीदा बीट है। उनका कहना है कि अभी भी महिला, बच्चों और खासतौर पर वन्य जीवों के क्षेत्र में अभी काफी काम होने की जरूरत है। भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए गिरिशा ने कहा कि असफलता से कभी हार नहीं माननी चाहिए। वे स्वयं छह बार असफल हुईं, निराश भी हुई लेकिन हार नहीं मानी। अंतिम अवसर तक प्रयास करना चाहिए। भर्ती परीक्षाओं को भी सामान्य परीक्षा समझकर ही देना चाहिए। क्योंकि ज्यादातर लोग मन में भय बनाने के कारण भी असफल होते हैं। गिरिशा के पिता अशोक चौधरी पीएनबी कुंजपुरा में प्रबंधक हैं और मां सुनीला चौधरी पीएनबी लघु सचिवालय शाखा में विशेष सहायक हैं। उनके छोटे भाई राघव चौधरी बैंगलोर में आईटी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं। परिवार में दादा-दादी और नाना भी रहते हैं।
इंटरनेट से सामग्री जुटा की तैयारी
गिरिशा चौधरी ने बताया कि अफसर बनने के लिए उनके पिता रोल मॉडल रहे हैं। क्योंकि बैंक प्रबंधक होने के कारण वे जनता की समस्याओं का निवारण करते थे, उनके कार्यों को देखकर उन्हें भी संतुष्टि मिलती थी। आगे बढ़ने में सभी ने मार्गदर्शन किया। अफसर बनने के लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की है। गिरिशा के अनुसार, उन्होंने यूपीएससी और एचपीएससी की तैयारी करने के लिए कहीं कोचिंग नहीं ली। केवल इंटरनेट, सोशल मीडिया और यू-ट्यूब आदि से सामग्री जुटाई। जानकारों से मार्गदर्शन लिया, खुद नोट्स बनाए और अब उन्हें मेहनत के बल पर सफलता मिली है।
2018 में छोड़ी थी व्यापार विश्लेषक की नौकरी
गिरिशा चौधरी ने कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई करनाल के कान्वेंट स्कूल से की है। इसके बाद जेबी विश्वविद्यालय से 2017 में बीटेक कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी की। इसके तुरंत बार उनकी गुरुग्राम की नामी कंपनी में व्यापार विश्लेषक की नौकरी लग गई। लेकिन अफसर बनने का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने 2018 में यह नौकरी छोड़ दी। तब यूपीएससी की पहली परीक्षा दी थी। गिरिशा ने बताया कि उन्होंने छठा और अंतिम प्रयास करते हुए यूपीएससी की परीक्षा दी हुई है, जिसका परिणाम आना शेष है। पिछले प्रयास में वे साक्षात्कार चरण तक गई थी। महज 19 अंक से असफल हुई थी।