हिसार. जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हिसार जिले के गांव खरकड़ी का जवान सुरेंद्र आतंकवादियों से लोहा लेते हुए रविवार को शहीद हो गए थे. आज उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. 24 वर्षीय सिपाही के पद पर तैनात सुरेंद्र कालीरामना आतंकवादियों से लोहा लेते हुए रविवार को शहीद हो गया. शहीद जवान सुरेंद्र 15 जुलाई को 20 दिनों की छुट्टी पर अपने गांव आया था. 5 अगस्त को वह घर से दिल्ली से फ्लाइट में ड्यूटी के लिए निकल गया था.
7 अगस्त को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के सर्च आपरेशन अभियान के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सुरेंद्र वीरगति को प्राप्त हो गया. सुरेंद्र के पिता बलबीर किसान हैं और गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं. जब सुरेंद्र छोटा था तब ही उनकी माता का निधन हो गया था.

सुरेंद्र भारत को ही अपनी मां कहता था. जैसे ही सुरेंद्र के शहीद होने की खबर परिवार और गांव को लगी तो पूरे गांव में शोक की लहर छा गई.

परिवार वालों ने बेटे की मौत की सूचना बड़े भाई वीरेंद्र को दी. शहीद सुरेंद्र की आठ महीने पहले ही शादी जींद के खटखड़ गांव में हुई थी.