2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुई 20 इंस्पेक्टरों की नौकरी पर अब तलवार लटक गई है। भर्ती में धांधली बताते हुए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अब हाईकोर्ट तय करेगा कि जिन मामलों में धांधली हुई है उनकी नियुक्ति रद्द होगी या पूरी भर्ती। हाईकोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। खास बात यह है कि अधिकतर इंस्पेक्टर अब डीएसपी के तौर पर तैनात हैं। याचिका दाखिल करते हुए करनाल निवासी अमित ने हाईकोर्ट को बताया कि 2009 में हरियाणा सरकार ने 20 इंस्पेक्टरों की भर्ती की थी। इनमें से 9 पद सामान्य वर्ग के थे। याची ने बताया कि उसने लिखित परीक्षा में 145 अंक प्राप्त किए थे और वह टॉपर था। भर्ती में चहेतों को नियुक्ति करवाने के लिए जमकर धांधली हुई। याची को इंटरव्यू में 25 में से केवल 7 अंक दिए गए और चहेतों को इंटरव्यू में ज्यादा अंक देकर उन्हें नियुक्त कर लिया गया। इस भर्ती में राजनेताओं के रिश्तेदारों को ही नियुक्ति दी गई। हाईकोर्ट के आदेश पर भर्ती से जुड़ा रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने रिकॉर्ड को देखकर कहा कि प्रथम दृष्टि में चयन प्रक्रिया में गडबड़ी नजर आ रही है। एक उत्तर पुस्तिका पर आवेदक के हस्ताक्षर नहीं मिले, दो उत्तर पुस्तिकाओं पर परीक्षा की तिथि 15 फरवरी 2008 लिखी है जबकि परीक्षा 15 फरवरी 2009 को हुई थी व एक उत्तर पुस्तिका पर रोल नंबर गलत मिला। कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

















































