टैबलेट वितरण कार्यक्रम शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम : मुख्यमंत्री

Parmod Kumar

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-मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को टैबलेट वितरण कर किया ई-अधिगम योजना का शुभारंभ
-टैबलेट से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी शिक्षा में करेंगे बेहतर प्रदर्शन : उपायुक्त अजय सिंह तोमर
-जिला के सातों ब्लॉकों में ई-अधिगम योजना के तहत कार्यक्रम आयोजित, विद्यार्थियों को किए टैबलेट वितरित
सिरसा 5 मई।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र की मजबूती के लिए निरंतर काम कर रही है। अब इसी कड़ी में ई-अधिगम योजना के तहत सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को टैबलेट दिए गए हैं। हरियाणा पहला ऐसा राज्य हैं, जहां इतने बड़े स्तर पर डिजिटल टैबलेट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह टैबलेट शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस टैबलेट से विद्यार्थियों के हाथ में ही क्लास रूम होगा, जिससे वे किसी भी स्थान पर बैठकर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री वीरवार को रोहतक में राज्य स्तरीय टैबलेट वितरण कार्यक्रम में ई-अधिगम योजना का शुभारंभ करने के दौरान बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को टैबलेट वितरण किए। सिरसा में मेला ग्राउंड स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजन किया गया। वर्चुअल माध्यम से विद्यार्थियों ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा और मुख्यमंत्री का संबोधन भी सुना। जिला स्तरीय कार्यक्रम में समाजसेवी गोबिंद कांडा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेशभर के 10वीं से 12वीं कक्षा तक के करीब पांच लाख विद्यार्थियों को डिजिटल टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट से विद्यार्थी अपने शिक्षा स्तर को बेहतर कर सकेंगे। टैबलेट में बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक एवं रोचक शैक्षिक सामग्री है। इसमें जो सॉफ्टवेयर है, उससे बच्चे अपनी कक्षा के अनुसार पाठ्यक्रम संबंधी सामग्री प्राप्त कर कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पहले पुस्तकें बैग में भरकर लानी पड़ती थी, लेकिन आज से इस टैब में ही उनकी किताबें आ जाएंगी। कोरोना ने स्वास्थ्य के बाद शिक्षा को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। इस कारण ई-शिक्षा को बढ़ावा मिला। नई शिक्षा नीति में तकनीक को अपनाकर शिक्षा देने की योजना को देश भर में लागू करने के लिए वर्ष 2030 तक का लक्ष्य रखा गया है, जबकि हम 2025 तक इसे लागू करने को लेकर संकल्पित हैं। अगले वर्ष योजना को विस्तार देते हुए ई-शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। बच्चों की आईटी स्किल को निखारने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। बच्चों को 3-डी प्रिंटिंग, ड्रोन, एआई, ब्लॉक चेन सहित अन्य तकनीकों का कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को टैबलेट देना सरकार का सराहनीय कदम है। टैबलेट में प्रभावी सॉफ्टवेयर दिया गया है, जिससे विद्यार्थी अपनी कक्षा के अनुरूप तैयारी कर पाएंगे तथा इसमें विषयानुसार पाठ्यक्रम से संबंधित बहुत ही रोचक सामग्री है, जिससे बच्चे आसानी कहीं पर भी बैठकर पढ़ सकेंगे। टैबलेट के माध्यम से सरकारी स्कूलों के बच्चों का शिक्षा स्तर ऊंचा उठेगा और यह उनके बेहतर प्रदर्शन में सहायक बनेगा। उन्होंने बताया कि जिला के सातों खंडों में टैबलेट वितरण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला में आयोजित जिला स्तरीय व खंड स्तरीय कार्यक्रमों में 2176 छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किए गए।
समाजसेवी गोबिंद कांडा ने सबसे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सिरसा वासियों व स्कूली विद्यार्थियों की ओर से उनके जन्मदिवस पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का युग डिजिटल युग है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस दिशा में निरंतर सराहनीय कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक साथ पांच लाख टैबलेट का वितरण अपने आप में ऐतिहासिक है, जोकि आज तक देश में किसी दूसरी राज्य में नहीं हुआ है। शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री की सकारात्मक सोच है और यह उसी का परिणाम है कि वे शिक्षा सुधार को लेकर निरंतर प्रयासरत हैं। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल में दस पंखे व पानी की समस्या का समाधान करने के लिए ट्यूबवेल लगवाने की भी घोषणा की।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्कूल स्टाफ व बच्चों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश, बीईओ कृष्ण लाल सैनी, डाइट प्रिंसिपल कपिल पुनिया, स्कूल प्रिंसिपल जसवीर कौर, तथा कृष्ण लाल सैनी, अनिल कुमार गनेरीवाला, जयसिंह कुसुंभी, प्रदीप गुप्ता आदि उपस्थित थे।
फोटो संलग्न है।