उचाना के एक सरकारी स्कूल की छात्राओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एक पत्र लिखा था। मामले की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति श्योकंद तुरंत स्कूल पहुंचीं। छात्राओं ने जो बताया उसे सुनकर टीम के होश उड़ गए तथा टीम सदस्य अपने आंसू तक नहीं रोक पाए।
जींद के उचाना के एक सरकारी स्कूल में छात्राओं ने जांच अधिकारियों के सामने जो बातें बताई, उससे जांच अधिकारियों के रोंगटे खड़े हो गए। खुद जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति श्योकंद भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं। फिलहाल शिक्षा विभाग की पांच सदस्यीय टीम इस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा सोमवार को उच्चस्तरीय जांच के लिए भी सिफारिश की जाएगी ताकि छात्राओं को इंसाफ मिल सके। जांच के बाद प्राचार्य के खिलाफ पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया जा सकता है।
उचाना के एक सरकारी स्कूल की छात्राओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में छात्राओं ने प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में कहा गया कि प्राचार्य छात्राओं को अपने ऑफिस में बुलाकर छेड़छाड़ करता था। प्राचार्य ने अपने गेट पर काला शीशा भी लगवा रखा था ताकि बाहर से अंदर कुछ दिखाई नहीं दे सके और अंदर से बाहर का दृश्य साफ दिखाई दे।
मामले की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति श्योकंद तुरंत स्कूल पहुंचीं और मामले की जांच के लिए अपने नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम गठित की। ज्योति श्योकंद ने खुद छात्राओं से बातचीत की। छात्राओं ने जो बताया उसे सुनकर टीम के होश उड़ गए तथा टीम सदस्य अपने आंसू तक नहीं रोक पाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग के मुख्यालय भेजी। मुख्यालय ने प्राचार्य को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
एक वर्ष में तीन छात्राएं कर चुकी हैं आत्महत्या
सूत्रों की मानें तो इस स्कूल में पढ़ने वाली तीन छात्राएं एक वर्ष के अंदर आत्महत्या कर चुकी हैं। जांच कमेटी के सामने ऐसी बात सामने आई है। इसके अलावा दो छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुकी हैं। इन लड़कियों की मौत के पीछे क्या कारण रहे, जांच कमेटी हर पहलु से इसकी जांच कर रही है। छात्राओं से बातचीत में बहुत से अहम सवाल भी सामने आए हैं, जिससे प्राचार्य के साथ एक स्टाफ सदस्य की मिलीभगत भी सामने आ सकती है।
अधिकारी के अनुसार
पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग के अलावा एक अलग से उच्च स्तरीय जांच कमेटी का भी गठन किया जा सकता है। जांच के बाद प्राचार्य के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है। प्रारंभिक जांच के बाद मामला और गंभीर पाया गया है। वह खुद इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।