बिहार में चुनाव की तारीखें आ गई हैं। इस बार 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक तीन फेज में चुनाव होगा। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। इस बार 7.29 करोड़ वोटर हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में ये पहला बड़ा चुनाव है। हालांकि, इस बार का चुनाव पिछले चुनाव से काफी अलग होने जा रहा है और इसका कारण कोरोनावायरस ही है। कोरोनाकाल में होने जा रहे इस चुनाव में पिछले चुनाव की तरह बड़ी-बड़ी रैलियां, रोड शो, नेताओं का भीड़ के साथ घर-घर जाकर प्रचार करना, ये सब नहीं दिखेगा। पोलिंग बूथ पर भी वोटरों की लंबी-लंबी लाइनें नहीं दिखेंगी, क्योंकि इस बार एक पोलिंग बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को ही बुलाया जाएगा और यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी। कोरोनावायरस और बिहार में चुनाव साथ-साथ हैं। इसलिए चुनाव आयोग ने कुछ गाइडलाइंस भी जारी की हैं। इस स्टोरी में 7 ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं कि कोरोना को लेकर क्या गाइडलाइंस हैं। इनमें से तीन ग्राफिक्स में वोटर के लिहाज से, दो में पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिहाज से और दो में चुनाव कराने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिहाज से जानकारी है।


















































