बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र के कुछ जिलों में रबी सीजन की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. किसानों की मेहनत और खेती पर हजारों रुपये का खर्च सब बर्बाद हो गया. सरकार की ओर से फसलों के नुकसान का आकलन करके शासन को भेजने के निर्देश हैं. इस बीच वर्धा जिले के कृषि अधिकारियों ने कमाल कर दिया है. किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर सिर्फ दो दिन में ही जिला प्रशासन को सौंप दी है. वहां से इसे सरकार को भेज दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक बेमौसम बारिश के कारण जिन किसानों की फसल का 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है उनकी रिपोर्ट कलेक्टर के माध्यम से शासन को भेज दी गई है. अब किसानों को मुआवजे का इंतजार है.
वर्धा जिले में 8 और 9 जनवरी को हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तीन हजार हेक्टेयर से अधिक फसल के नुकसान का अनुमान है. इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट कृषि विभाग द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय को सौंपी गई है. जिसके बाद कलेक्टर ने सरकार को नुकसान की रिपोर्ट भेजी दी है. फसल बीमा योजना के नियमों के मुताबिक जिन किसानों का नुकसान 33 फीसदी से अधिक होता है उन्हें मुआवजा मिलता है. महाराष्ट्र के किसानों पर पहले खरीफ सीजन में अतिवृष्टि और बाढ़ की मार पड़ी थी और अब उन पर रबी सीजन में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का कहर टूटा है.
कहां कितनी फसल खराब होने का है अनुमान
जिले के अष्टी तालुका के किसान बेमौसम बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लगभग 1,765 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है. साथ ही अरवी तालुका में 562 हेक्टेयर और करंजा तालुका में 727 हेक्टेयर फसल खराब हुई है. गेहूं 289 हेक्टेयर, चना 1 हजार 196 हेक्टेयर, कपास 84 हेक्टेयर, अरहर 759 हेक्टेयर, गन्ना 3 हेक्टेयर, फलों की फसलें 666 हेक्टेयर और 57 हेक्टेयर में अन्य फसलें प्रभावित होने का अनुमान है. खरीफ सीजन में कपास अपने अंतिम चरण में थी, जबकि रबी सीजन में गेहूं और चना पूरे जोरों था, लेकिन बेमौसम बारिश से पूरी मेहनत पर पानी फिर गया.
बारिश से फलों की गुणवत्ता पर बुरा असर
महाराष्ट्र में किसान बड़े पैमाने पर बागवानी फसलें उगाते हैं. यहां अनार, अंगूर, आम, पपीता और अमरूद जैसे फलों की फसलें खूब होती हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने न केवल रबी फसलों बल्कि बगीचों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. जिले में 666 हेक्टेयर से अधिक के बाग प्रभावित हुए हैं. इनमें आम और काजू शामिल हैं. बारिश से फलों को नुकसान हुआ. इनकी गुणवत्ता पर असर देखने को मिल रहा है.
प्रशासन को नुकसान की रिपोर्ट सौंप दी गई है और किसान मदद का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि खरीफ सीजन में बाढ़ और अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया था. लेकिन इस बार अब तक यह पता नहीं है कि मुआवजे के लिए कोई विशेष पैकेज है या नहीं.