नौकरी के बहाने सेना में किया भर्ती, वीडियो जारी कर लगाई मदद की गुहार,यूक्रेन में फंसे हरियाणा के दो युवक

parmodkumar

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गांव कुम्हारिया के दो युवक वीजा लेकर रूस में पढ़ाई करने के लिए गए थे लेकिन अब यूक्रेन में फंस गए हैं।अ इन युवकों को रशियन आर्मी में नौकरी देने का लालच देकर फंसाया गया। युवकों ने अपने परिवार को वॉट्सऐप कॉल कर कहा है कि बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। हमें बचा लो। हमारे पास एक-दो दिन बचे हैं। इसके बाद हमें युद्ध में भेज दिया जाएगा।

परिजनों ने डीसी से की मुलाकात

ये दोनों युवक गांव कुम्हारिया के रहने वाले हैं। सूचना पाकर दोनों युवकों के परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिवार डीसी से मिलकर बेटों को बचाने की गुहार लगा रहा है। फतेहाबाद के लघु सचिवालय में पहुंचे ग्रामीणों ने सरकार से जल्द से  समाधान की मांग की है। गांव कुम्हारिया निवासी अंकित जांगड़ा उम्र 23 साल और विजय पूनियां उम्र 25 साल दोनों स्टडी वीजा लेकर रुस गए थे। दोनों मास्को शहर में रुके हुए थे। अंकित फरवरी 2025 में रुस गया था जबकि विजय एक बार आकर दोबारा डेढ़ महीने पहले गया था।

आर्मी में नौकरी का दिया गया झांसा 

गांव कुम्हारिया निवासी रघुवीर जांगड़ा ने बताया कि उसके पिता रामप्रसाद चिनाई मिस्त्री हैं जबकि मां सुशीला देवी गृहिणी हैं। वे दो भाई हैं। उसका छोटा भाई अंकित 12वीं पास करके 15 फरवरी 2025 को स्टडी वीजा पर रुस गया था। उसने मॉस्को शहर के एमएसएलयू कॉलेज में लेंग्वेज कोर्स में दाखिला लिया था। दूसरा युवक विजय भी इसी तरह स्टडी वीजा पर गया। रघुवीर ने बताया कि उसके भाई ने उन्हें बताया है कि उन्हें एक महिला ने लालच देकर फंसाया है। उनसे कहा गया कि उन्हें रशियन आर्मी में नौकरी दिलवाई जाएगी।

दो लाख रुपये सैलरी की कही बात

15 दिन की ट्रेनिंग के बाद 20 लाख रुपए मिलेंगे। इसके बाद हर महीने डेढ़ से दो लाख रुपये सैलरी दी जाएगी। रघुवीर ने बताया कि 15-15 लोगों के तीन बैच बनाए गए हैं। सबसे पहले बैच में उनका भाई अंकित व गांव का ही विजय भी शामिल है। रघुवीर ने बताया कि गांव के ही एक युवक ने वॉट्सऐप कॉल से उनके भाई को जॉब दिलाने वाली महिला से बात की। उसने कहा दिया कि अंकित और विजय मर गए हैं। उनकी मौत को चार-पांच दिन हो चुके हैं। इसके बाद नंबर ब्लॉक कर दिया।

यूक्रेन के जंगलों में फंसे हैं युवक 

अंकित के भाई रघुवीर जांगड़ा ने बताया कि उनके भाई और उसके साथी फिलहाल यूक्रेन में रूस से 300 किलोमीटर दूर हैं। उन्हें सोलीडेव क्षेत्र के जंगल के इलाके में रखा हुआ है। वहां उन्हें दो-तीन दिन बाद युद्ध में भेजने की तैयारी है। रघुवीर ने बताया कि विजय पहले जुलाई 2024 में रूस गया था। वहां से मार्च 2025 में लौट आया। इसके बाद पांच महीने गांव में रहने के बाद डेढ़ महीने पहले फिर से चला गया।