पंजाब के कपूरथला लिंचिंग केस में गुरुद्वारे के केयर टेकर को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी ऐसी वक्त पर हुई है, जब राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने थोड़ी देर पहले ही कहा है कि कपूरथला जिले के गुरुद्वारे में बेअदबी जैसी कोई घटना नहीं हुई. यहां बीते रविवार को एक युवक की बेअदबी के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद घटना में शामिल लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की बात कही गई. अब गुरुद्वारे का केयर टेकर गिरफ्तार हुआ है.
चन्नी ने कहा, ‘कपूरथला जिले के निजामपुर गांव के गुरुद्वारे में बेअदबी का कोई सबूत नहीं मिला है. मारे गए युवक ने कोई बेअदबी नहीं की थी. एफआईआर में संशोधन कर हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा.’ इससे पहले कपूरथला पुलिस ने भी यही कहा था कि बेअदबी का ‘कोई स्पष्ट संकेत’ नहीं मिला. बाद में पुलिस हरकत में आई और गुरुद्वारे के केयर टेकर अमरजीत सिंह को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को शक था कि करीब 20 साल की उम्र का पीड़ित चोरी करने के इरादे से गुरुद्वारे में आया था.
घटना वाले दिन हिरासत में लिया गया
अमरजीत सिंह (Amarjit Singh) को कपूरथला पुलिस ने लिंचिंग की घटना वाले दिन ही हिरासत में ले लिया था, लेकिन कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए रविवार शाम रिहा कर दिया. पुलिस घटना के बाद से ही कह रही थी कि गुरुद्वारे में निशान साहिब (सिख ध्वज) की कोई बेअदबी और अनादर नहीं हुआ है. घटना के कुछ घंटे बाद, एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खाख ने मीडिया को बताया कि कोई बेअदबी नहीं हुई. भीड़ ने युवक को पीट-पीटकर मार दिया. लेकिन, उसी शाम को इन्सपेक्टर जनरल द्वारा बुलाई गई प्रेस वार्ता में पुलिस ने अपना बयान वापस ले लिया था.
शरीर पर घाव के 30 निशान मिले
मृतक का पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को बताया कि पीड़ित के शरीर पर तलवार के 30 जख्म मिले. सीनियर मेडिकल अफसर (एसएमओ) नरिंदर सिंह ने कहा कि गहरी चोटें गर्दन, कूल्हों और सिर पर थीं. ‘पीड़ित के शरीर पर चाकू से वार के कई निशान थे (Kapurthala Lynching Case Victim). हमने आगे की जांच के लिए विसरा एकत्र किया है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने कोई नशीला पदार्थ तो नहीं खाया था. हमने डीएनए टेस्ट के लिए उसके दांत, बाल और खून के नमूने भी लिए हैं. मौत का असल कारण अंतिम रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा.’ घटना के 72 घंटे बाद भी कोई शव लेने नहीं आया. जिसके चलते पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
पहले मृतक के खिलाफ दर्ज हुआ केस
इससे पहले पुलिस ने अमरजीत सिंह के बयान के आधार पर युवक (जिसकी हत्या की गई) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) के तहत मामला दर्ज किया था. हालांकि सिंह का बयान विरोधाभासी पाया गया (Kapurthala Sacrilege Case). सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में उसने स्वीकार किया कि युवक ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी नहीं की थी और यहां तक कि गुरुद्वारे में खाना भी खाया था. एक अन्य वीडियो में, उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि संदिग्ध को ‘नई दिल्ली के किसी व्यक्ति ने भेजा था और उसे बेअदबी करने के लिए पैसे दिए गए थे’.