तीन सदस्यीय कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट जमा की। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले का हल निकालने के लिए करीब 85 किसान संगठनों से बात की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 फरवरी को तीनों विवादास्पद कानूनों के क्रियान्वयन पर दो महीने के लिए रोक लगा दी थी और कमिटी से संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श करके दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा था।
पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान नए कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए तीन महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। केंद्र और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला और गतिरोध बना हुआ है।