कांग्रेस हाईकमान आखिरकार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को एक साथ लाने में कामयाब हो गया। पंजाब कांग्रेस भवन में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू नाश्ते की टेबल पर साथ-साथ दिखे लेकिन इस तस्वीर के पीछे की कहानी अलग है। दोनों को एक साथ बैठाने में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और कांग्रेस हाईकमान को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बताया गया है कि पंजाब भवन में रखी चाय पार्टी में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आने के बाद ही सिद्धू उन्हें नमस्कार कर मंच से नीचे उतर गए थे। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी के कहने पर ही सिद्धू दस मिनट बाद आए। बताया गया कि इस बात पर हरीश रावत खासे नाराज भी दिखे। बताया गया कि हरीश रावत ने नवजोत सिद्धू को फोन किया और लौटने को कहा। पता चला कि सिद्धू ने इस बारे में ना नुकर की।
प्रियंका के फोन पर 10 मिनट बाद लौटे सिद्धू
हरीश रावत ने तुरंत प्रियंका गांधी को सारी बात बताई और उनसे कहा कि वह सिद्धू से बात करें। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी के कहने पर ही सिद्धू दस मिनट बाद फिर से लौट आए। इसके बाद एकाएक नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मेज पर बैठने की फोटो रिलीज होने लगीं, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि पार्टी एकजुट है।
पंजाब भवन में रखी चाय पार्टी में नेताओं की स्थिति देखने लायक हो गई थी। बताया जाता है कि जब मुख्यमंत्री ने उनकी नामौजूदगी बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि सिद्धू वापस चले गए हैं। अमरिंदर के सहयोगियों ने रावत से पूछा तो उन्होंने बताया कि सिद्धू नीचे समारोह में हैं। हालांकि कैप्टन ने उनके दिखाई न देने के बारे में पूछा तो सिद्धू ने कहा कि वह अरदास करने गए थे।
सिद्धू कैप्टन के ठीक सामने वाली कुर्सी पर बैठने ही वाले थे कि खेल मंत्री राणा सोढी ने उन्हें कैप्टन के साथ वाली कुर्सी पर बैठने को कहा। वह तुरंत ही कैप्टन के साथ वाली कुर्सी पर लौट आए। कुछ ही देर में नाश्ता करके सभी यहां से कांग्रेस भवन की ओर लौट गए।
सिद्धू ने अपने भाषण में कैप्टन का जिक्र नहीं किया
इसी तरह सिद्धू की ताजपोशी कार्यक्रम में भी दोनों के बीच दूरियां साफ नजर आईं। कार्यक्रम में अमरिंदर और सिद्धू स्टेज पर साथ बैठे दिखे, लेकिन दोनों एक-दूसरे से नजरें चुराते दिखे। कैप्टन ने तो अपने संबोधन में सिद्धू और उनके परिवार का जिक्र किया, लेकिन सिद्धू ने अपने भाषण में कैप्टन का नाम तक नहीं लिया।
भाषण में सिद्धू ने कहा, ‘मेरा दिल चिड़े के दिल जैसा नहीं है। जो मेरा विरोध करेंगे, वो मुझे और मजबूत बनाएंगे। मेरी चमड़ी मोटी है। मुझे किसी के कहने-सुनने से कोई फर्क नहीं पड़ता।’