इन दिनों लगातार दूषित हो रहे वातावरण ने आम जनमानस के लिए बड़ी मुसीबतें खड़ी कर दी है। एक तरफ जहां प्रदूषित वातावरण में लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है तो वहीं इस मौसम में लोगों को सांस लेने, दम घुटने, आखों में जलन जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी है।
बात अगर जिला सरसा की करें तो बेशक यहां किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले पिछले सालों के मुकाबले कम हुए है लेकिन पड़ोसी राज्य पंजाब से आ रहे दूषित प्रदूषण ने सिरसा वासियों के बड़ी मुसीबत पैदा कर दी है। वहीं बहुत से किसान पराली जलाने की बजाए पराली प्रबंधन कर रहे है।
वहीं गांव शाहपुर बेगू के युवा किसान जरनैल सिंह ने बताया कि उन्होंने 26 एकड़ में धान की बुआई की थी जिसकी कटाई लगभग कर ली है। आगे उन्होंने बताया कि पिछले चार साल से धान के अवशेष को आग लगाने के बजाए उन्हें मिट्टी में नष्ट करते आ रहें है। उन्होंने बताया कि सिरसा के ज्यादातर किसान भाई पराली को आग नहीं लगा रहें है।