दिल्ली हाईकोर्ट ने अब अरविंद केजरीवाल से वादा पूरा नहीं करने का कारण पूछा।

Parmod Kumar

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सार्वजनिक मंचों से दिल्ली की जनता को लुभावने वाले करने के मामले में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अब शायद थोड़ा संभलकर ही बोलेंगे क्योंकि अब जो वादा पूरा नहीं किया तो अब उसका अब नेताओं को जवाब भी देना होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सार्वजनिक मंच से दिल्ली के किराएदारों को किया वादा नहीं निभाना अब भारी पड़ सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अब अरविंद केजरीवाल से वादा पूरा नहीं करने का कारण पूछा है।

29 मार्च 2020 को अरविंद केजरीवाल ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 29 मार्च 2020 को एक प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसें उन्होंने दिल्ली के किराएदारों को वादा किया था कि अगर कोई किरायेदार किराया भुगतान करने में असमर्थ है तो उस गरीब का किराया राज्य सरकार भुगतान करेगी, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने इस वादे को अभी तक नहीं पूरा किया है।

किराएदारों व मकानमालिकों ने दायर की याचिका

जब किराएदारों व मकान मालिकों को अभी तक किराए का भुगतान नहीं किया गया तो उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए दिल्ली सरकार के किए गए वादे का पालन कराने का आग्रह किया था। किरायेदारों ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए कहा कि मजदूरी करके जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है और ऐसे में किराए को भुगतान हम नहीं कर सकते हैं। याचिका में दलील दी गई है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किराए के भुगतान का आश्वासन दिया था। याचिकाकर्ताओं में कुछ मकान मालिक भी शामिल थे जिन्होंने किराया नहीं मिलने पर सरकार से वादा निभाने के लिए कोर्ट में गुहार लगाई है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 माह का दिया समय

अब किराएदारों व मकानमालिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जीएनसीटीडी, मुख्यमंत्री द्वारा 29 मार्च 2020 को किराएदारों और जमींदारों को किए गए वादे को निभाने का निर्णय 6 सप्ताह में ले लें। इस मामले में तत्काल एक नीति बनाने का भी आदेश दिया है। यह सुनवाई सिंगल बेंच की जज जस्टिस प्रतिभा एम.सिंह ने की है।