विधानसभा सत्र के विधेयक सदन में परिवार पहचान पत्र को कानूनी मान्यता मिली।

Parmod Kumar

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परिवार पहचान पत्र को मिली कानूनी मान्यता:विधेयक विधानसभा में पास, अब 1.80 लाख सालाना आय वाले भी होंगे BPL में शामिल; CM बोले-अब अनुमान पर नहीं लागू होंगी योजना
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन परिवार पहचान पत्र विधेयक सदन में पारित हो गया। इस विधेयक के पारित हो जाने से परिवार पहचान पत्र को कानूनी मान्यता मिल गई है। विधेयक पारित होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से आगे प्रदेश में लागू होने वाली योजनाओं के लिए अनुमानित डाटा प्रयोग नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार अब रियल टाइम डाटा तैयार करेगी। अब से पहले तक 2011 की जनगणना या अन्य डाटा को ही आधार मानकर उसी आधार पर योजनाएं लागू होती रही हैं, लेकिन अब शादी, जन्म-मृत्यु आदि का डाटा भी परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा। ऐसा करने से हमारे पास प्रदेश का रियल टाइम डाटा हर समय उपलब्ध रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में परिवार पहचान पत्र कारगर साबित होगा। योजना का पूर्ण डाटा तैयार होने के साथ ही प्रदेश में बीपीएल परिवार की सालाना आय का दायरा भी बढ़ाया जाएगा। अब तक सालाना 1.20 लाख आमदनी वाले परिवार ही बीपीएल में शामिल थे, लेकिन अब इस डाटा को 1.80 लाख सालाना आय तक बढ़ाया जाएगा। इससे प्रदेश के तीन लाख और परिवारों को बीपीएल योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
अलग-अलग था पूरा डाटा, परिवार पहचान पत्र से एक जगह संकलन करने में मदद मिली
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि सरकार के पास अब भी लोगों की आय, सम्पत्ति की जानकारी तो थी, लेकिन वह अलग-अलग विभाग के पास थी। परिवार पहचान पत्र के कारण सभी तरह के डाटा को एक जगह संकलन करने में मदद मिली है। प्रदेश में अब तक 64 लाख परिवारों ने परिवार पहचान पत्र में रजिस्ट्रेशन करवा दिया है। इसके अलावा 3.30 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 2,98,274 कर्मचारियों ने अपना परिवार पहचान पत्र बनवा लिया है। जो भी कोई सरकारी सेवा का लाभ उठाना चाहता है उसके लिए हरियाणा निवासी होने का कोई तो दस्तावेज होना चाहिए। हरियाणा सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं पर हरियाणा के नागरिक का पहला अधिकार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की इस योजना की देश ही नहीं विदेश में भी चर्चा है। जर्मनी के एम्बेसडर ने भी इस योजना को समझा और सराहना की है। परिवार पहचान पत्र का डाटा सुरक्षित करने के लिए आईटी सिक्योरिटी फीचर इस्तेमाल किए गए हैं। बिना अनुमति के कोई भी इस सूचना का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। इस डाटा की किसी प्रकार की चोरी होती है तो सजा का प्रावधान भी किया गया है।