आज देशभर में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को पूरा एक साल हो गया है। हालांकि मोदी सरकार ने तीनों नए कृषि कानून को वापस ले लिया है और किसानों से अपील की है कि वो अपना आंदोलन खत्म करें और अपने-अपने घर लौटे लेकिन किसानों ने अभी भी अपना आंदोलन जारी रखा है और इसी के एक साल पूरे होने पर आज दिल्ली की सीमाओं पर एकजुट होने का ऐलान किया है और इसी वजह से दिल्ली बार्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आपको बता दें कि इस वक्त दिल्ली के बार्डर पर हरियाणा, पंजाब से भारी संख्या में किसान पहुंच चुके हैं। किसानों की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर बार्डर पर सुरक्षाबबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और बैरिकेड लगाए गए हैं। इस बारे में विशेष पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था डिवीजन जोन -1) दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘बार्डर पर पर्याप्त सुरक्षा तैनाती की गई है, जिसके किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जाए।’
मालूम हो किसानों की मांग है कि जब तक सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रूख स्पषट नहीं करती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आगे के कदमों पर फैसला करने के लिए 27 नवंबर को एक और बैठक करेगा। यही नहीं किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में एक पत्र भी लिखा है।
विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके
कृषि कानून के वापस लेने पर उमा भारती ने अफसोस जताया था। उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया था कि ‘दिनांक 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री माननीय श्री @narendramodi जी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई इसलिए 3 दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूं। कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके । इसी कारण से उस दिन प्रधानमंत्री @narendramodi जी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो गई थी।’