किसान आंदोलन संघर्ष से समाधान की तरफ बढ़ रहा, क्या आज खत्म हो जाएगा अन्नदाताओं का विरोध?

Parmod Kumar

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किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर आज चंडीगढ़ से आई. पिछले चार घंटे से चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री के आवास पर बड़ी बैठक खत्म हो गई. खबर है कि एक दौर की बैठक खत्म होने के बाद दूसरे दौर में किसानों की मांग पर चर्चा हुई. हालांकि किसानों के साथ सीएम मनोहर लाल की बैठक बेनतीजा रही है. किसानों का कहना है कि कल होने वाली मीटिंग में आगे की रणनीति पर विचार होगा. इस बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल हुए.

किसान नेताओं में गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश बैंस, रामपाल चहल, रतन मान, जरनैल सिंह, जोगिंदर नैन, इंद्रजीत और अभिमन्यु कोहाड़ समेत आठ नेता शामिल हुए. किसानों की मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं और गिरफ्तार किए गए किसानों को छोड़ा जाए. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को हरियाणा सरकार की तरफ से मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

आंदोलन खत्म होने को लेकर आज आएगा कोई फैसला?

हालांकि इस बीच खबर ये भी आ रही है कि आज किसान आंदोलन खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ सकता है. आज दिल्ली के बॉर्डर से बड़ी खबर आ सकती है. किसान नेताओं के बयानों से संकेत मिल रहे हैं कि आज दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल से चल रहा आंदोलन खत्म हो सकता है. ऐसी खबरें हैं कि कल संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले तक सरकार किसानों को मना लेगी और किसानों की बैठक में घर वापसी पर मुहर लग जाएगी. ये बात हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. हमारे रिपोर्टर ने दिल्ली के बॉर्डर पर कई किसान नेताओं से बात की. किसान आंदोलन खत्म होने के कयास के बीच आज से ही मोदी विरोधी खेमे में खलबली मच गई.

राहुल गांधी ने उठाया मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा देने का मुद्दा

शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इस दौरान वो 403 मृत किसानों की लिस्ट साथ लेकर आए. राहुल गांधी ने लिस्ट दिखाकर मृत किसानों को मुआवजा न देने के सरकार के फैसले पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी की दलील थी कि किसानों को लाखों करोड़ों रुपए नहीं देना है. अगर सरकार वाकई मुआवजा देना चाहती है तो ये लिस्ट लेकर किसानों की मदद कर सकती है. उन्होंने ये भी दावा किया कि सोमवार को संसद के अंदर ये लिस्ट रखी जाएगी. टीवी9 भारतवर्ष के रिपोर्टर ने भी मृत किसानों के मुआवजे पर राहुल गांधी से सीधा सवाल पूछा.

एक तरफ किसान आंदोलन खत्म होने की ओर बढ़ रहा है. तो दूसरी ओर विपक्ष उस मुद्दे को जगाए रखना चाहता है. क्योंकि कृषि कानून वापसी के बाद से विपक्ष को डर है कि किसानों का मुद्दा उसके हाथ से निकल जाएगा. उधर सरकारें किसानों की बाकी मांगों पर भी विचार कर रही हैं. किसान और सरकार के बीच सुलह का फॉर्मूला बनता दिख रहा है. इसीलिए दिल्ली बॉर्डर ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कल किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है.

क्या आज किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा?

ये सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर पिछले एक साल से धरना दे रहे किसानों के लिए आज का दिन अहम ही नहीं ऐतिहासिक है. आज 4 दिसंबर है और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता 4 दिसंबर की तारीख को आंदोलन की वापसी के लिए फैसले का दिन बता रहे हैं.

आज संयुक्त किसान मोर्चा की सबसे बड़ी मीटिंग होगी और उसके बाद किसान आंदोलन पर फैसला ले लिया जाएगा. वैसे आंदोलन की वापसी को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर अभी से हलचल तेज हो गई है.

कई किसान नेता तो आंदोलन खत्म करने का मन बना चुके हैं. गांव घर जाने की बात करने लगे हैं. खेत खलिहान लौटने को लेकर उत्साहित हैं. ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा की आज होने वाली बैठक में आंदोलन की दशा और दिशा क्या होगी. ये समझने के लिए टीवी9 भारतवर्ष के रिपोर्टर ने बॉर्डर पर किसान मोर्चा के कई नेताओं से बात की. खासतौर से उनसे जो आज की मीटिंग में बड़ी भूमिका निभाएंगे.

हमने इन नेताओं से ये जानने की कोशिश की, जब संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन किसान आंदोलन की सबसे बड़ी मांग कृषि कानूनों की वापसी पर संसद की मुहर लग गई. तो आज क्या होगा. मीटिंग में शामिल होने वाले किसान नेता तक मान रहे हैं कि सरकार ने ज्यादातर बात मान ली है. दो मांगों पर बात होनी बाकी है. एक देश में किसानों के ऊपर दर्ज मामले वापस हों और दूसरा शहीद किसानों को सरकार मुआवजा दें. अगर सरकार ये बात मान लेती है तो आंदोलन खत्म हो जाएगा और किसान घर लौट जाएंगे.

कई मांगों पर तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं

वैसे भारतीय किसान मोर्चा का कहना है कि कई मांगों पर तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है जैसे MSP वाली कमेटी में कौन होंगे? बिजली एक्ट और आंदोलन के दौरान मरे किसानों के मुआवजे पर क्या होगा. हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत संकेत दे रहे हैं कि किसान आंदोलन अब संघर्ष से समाधान की तरफ बढ़ रहा है.

खबर ये भी है कि संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े कई बड़े नेताओं का भी मानना है कि आंदोलन का मकसद पूरा हो गया. तो संघर्ष जारी रखना सही नहीं है. ऐसे में आज जब संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. पंजाब के किसान संगठनों के 32 जत्थे शामिल होंगे. हरियाणा के 26 से ज्यादा किसान संगठन के नेता आएंगे. सभी मिलकर आंदोलन को खत्म करने को लेकर ही रायशुमारी करेंगे.