देशभर के किसान संगठनों की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्च ने ऐलान किया है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 22 जुलाई से संसद के प्रत्येक कार्य दिवस के दिन 200 किसान शांतिपूर्ण तरीके से संसद भवन की ओर मार्च करेंगे। इस मार्च की अगुवाई रोज कुछ किसान नेता करेंगे। प्रोटेस्ट की इस अगली कड़ी से जुड़ने के लिए किसानों के नए जत्थे भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। चूंकि मॉनसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा, ऐसे में पुलिस के सामने दोहरी चुनौती रहेगी। एक तरफ स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर आतंकी हमलों को रोकने की चुनौती होगी, तो दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को भी हर साल में संसद से दूर रखने की कोशिश की जाएगी।
वैसे तो संसद सत्र के दौरान हर बार दिल्ली में धरने-प्रदर्शन तो होते हैं, लेकिन किसानों ने जब से संसद मार्च करने की घोषणा की है, तब से दिल्ली पुलिस और ज्यादा चिंता में पड़ गई है। चूंकि दिल्ली में अभी कोविड प्रोटोकॉल भी लागू है और जंतर-मंतर पर बड़े विरोध प्रदर्शनों पर पहले ही सुप्रीम बैन लगाया जा चुका है, ऐसे में पुलिस की पहली कोशिश तो सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए किसानों को इस बात के लिए मनाने की होगी कि वे संसद तक मार्च न करें, लेकिन किसान संगठनों के रुख से यह स्पष्ट है कि वे अपने तय कार्यक्रम से शायद ही पीछे हटने के लिए राजी होंगे। ऐसे में पुलिस की दूसरी कोशिश यह होगी कि वे संसद तक जाने के बजाय जंतर-मंतर, संसद मार्ग या आसपास की किसी अन्य जगह पर एक सीमित संख्या में इकट्ठा होकर प्रोटेस्ट कर लें। इसके लिए जल्द ही किसान नेताओं के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की औपचारिक तौर पर बातचीत शुरू हो सकती है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन होता है, तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर कितना भरोसा कर पाते हैं और एक दूसरे को सहयोग करने के लिए किस हद तक झुकने को तैयार होते हैं। हालांकि, इसके बावजूद सुरक्षा के मामले में पुलिस कोई समझौता नहीं करेगी। ऐसे में संसद सत्र के दौरान नई दिल्ली में सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम देखने को मिल सकते हैं। पीएम आवास, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट समेत सरकार के सभी मंत्रियों के आवास पर भी कड़ी सुरक्षा रखी जा सकती है। इसके अलावा कई जगहों से ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर नई दिल्ली एरिया के कुछ मेट्रो स्टेशनों को भी सदन की कार्रवाई चलने तक बंद रखा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा के ये इंतजाम केवल किसानों के प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए भी किए जाएंगे। इस दौरान खुफिया एजेंसियां भी हाई अलर्ट पर रहेंगी।