शादी की तस्वीरों में खुश दिख रही थी लड़की… कोर्ट ने अपहरण और रेप के आरोपी को किया बरी

parmodkumar

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चंडीगढ़: जिला अदालत ने अपहरण और दुष्कर्म के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे एक शख्स को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों से न तो लड़की के नाबालिग होने का प्रमाण मिला और न ही यह साबित हुआ कि आरोपी ने उसकी इच्छा के विरुद्ध कोई संबंध बनाए। अदालत ने शादी की तस्वीरों, बयानों में विरोधाभास और मेडिकल रिपोर्ट में उम्र की त्रुटि को फैसले का आधार बनाया। लड़की के पिता ने 14 मई 2023 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी 15 वर्षीय बेटी को आरोपी शादी का झांसा देकर भगा ले गया। पुलिस ने पिता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

जज ने क्या कहा
बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि युवक को झूठा फंसाया गया है। पिता और पीड़ित के बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि लड़की को बहकाकर उसकी अभिभावकीय हिरासत से बाहर ले जाया गया और दो साल तक कई बार दुष्कर्म किया गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. यशिका ने कहा कि मेडिकल उम्र में दो साल की त्रुटि मानने पर घटना के समय लड़की की उम्र 18 साल से अधिक मानी जा सकती है। अदालत ने यह भी कहा कि न तो स्कूल रिकॉर्ड और न ही किसी सरकारी दस्तावेज से यह सिद्ध किया जा सका कि पीड़ित नाबालिग थी।

तस्वीरों में खुद दिख रही लड़की
जज ने शादी और रिसेप्शन की तस्वीरों का उल्लेख करते हुए कहा कि लड़की बहुत खुश दिख रही थी। पीड़ित का घर आरोपी के घर से केवल 5–6 मकान दूर था, जिससे उसके पास घर आकर मदद मांगने का पूरा अवसर था। जज ने कहा कि यदि उसके साथ बलात्कार होता या उसकी इच्छा के विरुद्ध संबंध बनाए जाते, तो उसे चिल्लाने का अवसर था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इससे सिद्ध होता है कि यदि कोई संबंध हुआ, तो वह सहमति से हुआ। अदालत ने पिता और बेटी के बयानों में गंभीर विरोधाभास पाए। अदालत ने कहा कि लड़की स्वयं आरोपी के साथ गई थी और अपहरण या दुष्कर्म के आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए। इसलिए, आरोपी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।