खेती और पशुपालन में अग्रणी रहने वाले प्रदेशों में शामिल हरियाणा में अब मछली पालन (Fisheries) पर भी जोर दिया जाएगा. ताकि किसानों की आमदनी में वृद्धि की जा सके. सरकार ने वर्ष 2024-25 तक 4000 हैक्टेयर भूमि में झींगा मछली पालन करने का लक्ष्य रखा है. वर्ष 2014 में केवल 28 हैक्टेयर भूमि तक यह काम सिमटा हुआ था. अब 493 हैक्टेयर में मछली पालन किया जा रहा है. हरियााणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य व डेयरी मंत्री पुरशोत्तम रूपाला से मुलाकात के दौरान इस बात की जानकारी दी.
दलाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात कर प्रदेश में कृषि, मछली एवं पशुपालन के लिए योजनाओं को क्रियान्वित करने का आग्रह किया. जिस पर दोनों मंत्रियों ने उचित आश्वासन दिया. दलाल ने बताया कि कृषि के लिए अनुपयोगी साबित हो चुकी जमीन को मछली पालन के लिए किसानों को लीज पर देकर उसका सदुपयोग किया जाएगा. उन्होंने प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन (Animal Husbandry) के क्षेत्र में हुए विकास के बारे में भी जानकारी दी.
मछली उत्पादकता और हरियाणा
जेपी दलाल का दावा है कि हरियाणा मछली उत्पादकता में 9600 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर प्रति वर्ष की दर से देश में पहले स्थान पर है. सभी जिला मत्स्य अधिकारियों को 31 मार्च, 2022 तक मत्स्य यूनिट स्थापित करने का टारगेट दिया गया है.चरखी दादरी व करनाल जिलों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान दो बड़ी पैलेटिड फीड़ मिल प्लांट की स्थापना की गई है. साल 2020-21 के दौरान हरियाणा में 1440 लाख झींगा पालन बीज संचय किया गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्री से पैसा दिलवाने का अनुरोध
दलाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री को बताया कि हरियाणा सरकार ने फसल खराब होने पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार प्रति एकड़ किया गया है. इसी तरह 10 हजार रुपये की मुआवजा राशि को बढ़ाकर 12500 किया गया है. उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री से हरियाणा में खराब हुई फसलों का पैसा किसानों (Farmers) को जल्द से दिलवाने का अनुरोध किया.
आय बढ़ाने के लिए दूसरे विकल्प भी अपनाएं
दलाल ने इस दौरान केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से भी मुलाकात प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन, मछलीपालन के क्षेत्र में हुए विकास के बारे में जानकारी दी. इस मौके पर रूपाला ने कहा कि सरकार चाहती है कि कृषि (Agriculture) के साथ अन्य विकल्पों को अपनाकर किसानों की आय को बढ़ाया जाए. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य का एक हिस्सा है, जिसमें देश के मछली पालकों के लिए अनेक सुविधाएं दी गई हैं.
योजना के तहत सभी प्रोजेक्ट्स पर सामान्य जाति के प्रार्थियों को 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति व महिला प्रार्थियों को 60 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता दी जाती है. इस पर दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि हरियाणा प्रदेश में केंद्र की इस योजना को जोरशोर से लागू किया गया है.