2019 विधानसभा चुनाव में करनाल विधानसभा सीट से जीत को चुनौती दी गई थी। याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि याची आरोप साबित करने में नाकाम रहा है। हरियाणा के 2019 में हुए विधान सभा चुनाव में करनाल विधान सभा सीट से भाजपा की टिकट पर मनोहर लाल चुनाव लड़े थे।
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से विजयी उम्मीदवार मनोहर लाल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को आधारहीन करार देते हुए इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची आरोपों को साबित करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है।
हरियाणा के 2019 में हुए विधान सभा चुनाव में करनाल विधान सभा सीट से भाजपा की टिकट पर मनोहर लाल चुनाव लड़े थे और विजयी रहे थे। इस चुनाव में उनके खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार रमेश खत्री ने चुनाव लड़ा और हार गए थे।
इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्वाचन को चुनौती देते हुए चुनाव याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप था कि मनोहर लाल ने इन चुनाव के दौरान किए गए खर्च का सही ब्योरा चुनाव आयोग को नहीं दिया है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रचार के दौरान प्रतिदिन के खर्च का हिसाब रखना अनिवार्य होता है।
मनोहर लाल ने जितनी रैलियां कीं उनमें हुए खर्च का सही तरीके से हिसाब नहीं रखा। इन रैलियों में बड़े-बड़े नेता शामिल हुए थे। चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने 500 लोगों के साथ मिलकर डोर-2-डोर कैंपेन चलाया था। करनाल के एक बड़े होटल में प्रेस वार्ता भी आयोजित की गई थी, जिस पर हुए खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया।
याचिकाकर्ता के अनुसार चुनाव आयोग ने खर्च की 28 लाख तय की थी, लेकिन मनोहर लाल के चुनाव प्रचार में इससे कहीं अधिक राशि खर्च की गई थी। चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक भी आये थे और रैलियों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे, जिनके पास प्रचार सामग्री थी।
बड़ी संख्या में वाहनों का भी इस्तेमाल किया गया था। मनोहर लाल की तरफ से हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने पेश हो इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए जवाब दायर कर पूरी जानकारी हाईकोर्ट को दे दी। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए इसे आधारहीन करार दे खारिज कर दिया है।














































