हाईकोर्ट ने रणजीत हत्याकांड आरोपी रामरहीम के खिलाफ 26 अगस्त को फैसला सुनाने पर लगाई रोक।

Parmod Kumar

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डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट का फैसला अब 26 अगस्त को नहीं आएगा. सीबीआई कोर्ट की कार्रवाई पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 27 अगस्त तक रोक लगा दी है. साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक जेल में सजा काट रहे डेरा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह पर इस हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप है. इस मामले में बहस पूरी हो चुकी है. पहले माना जा रहा था कि 26 अगस्त को कोर्ट फैसला सुना सकती है. लेकिन अब रोक लग गई है.

बचाव पक्ष ने बहस के फाइनल दस्तावेज जमा किए
बुधवार को सुनवाई के दौरान आरोपी राम रहीम और कृष्ण वीडियो कॉन्फ्रेंस से पेश हुए. आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल कोर्ट में मौजूद थे और बचाव पक्ष के वकील ने फाइनल बहस के सभी दस्तावेज CBI कोर्ट में जमा किए. कोर्ट ने CBI से इस पर बहस करने के लिए पूछा, लेकिन जांच एजेंसी ने बहस नहीं की.
सीबीआई कोर्ट ने 26 अगस्त तक मामला सुरक्षित रखा था. लेकिन अब हाईकोर्ट ने 27 अगस्त तक के लिए सुनवाई के लिए केस पर रोक लगा दी है.

ये है मामला
रंजीत हत्या मामले में खट्टा सिंह ने राम रहीम को ही हत्या का दोषी बताया था. खट्टा सिंह (गुरमीत राम रहीम का पूर्व ड्राइवर) ने कोर्ट में बयान दिया था कि डेरा प्रमुख को लगता था कि साध्वियों के यौन शोषण के पत्र जगह-जगह भेजने के पीछे डेरा मैनेजर रंजीत सिंह का ही हाथ था. खट्टा सिंह ने कहा था-रंजीत ने गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी, इसलिए गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने के आदेश दिए थे. रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या की गई थी. फिलहाल गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में 2 साध्वियों के यौनशोषण के मामले में 20 साल की सजा व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.