पंजाब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं सीएम चन्नी पर जनता से किए वादे को पूरा करने की चुनौती सामने है। पंजाब कांग्रेस अंदरूनी कलह में ज़रूर फंसी हुई है बावजूद इसके पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मैराथन फ़ैसले से जनता के दिलों में घर कर रहे हैं। कई योजनाओं पर अमल भी किया जा रहा है। जनता से किए वादे को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सीएम चन्नी की तरफ से मोरिन्डा शहर में छोटे किसानों का 25 हज़ार रुपये तक का क़र्ज़ माफ किया गया है। इसी कड़ी में अब मकौर साहिब के हल्के में 7450 परिवारों का क़र्ज़ माफ़ किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक लाल लकीर के अंदर रहने वाले लोगों को भी बड़ी राहत देने का ऐलान किया है।
CM चन्नी की सौगात
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ऐलान किया है कि लाल लकीर के अंदर रहने वाले लोगों परिवार के सदस्यों को घर का मालिक बना दिया जाएगा। सीएम के इस फ़ैसले से लाल लकीर के दर रहने वाले परिवारों को क़र्ज़ लेने, ख़रीद-फरोख्त में काफ़ी आसानी हो जाएगी। वहीं सीएम की इस पहल से ज़मीन और मकानों को लेकर झगड़ा भी रुकेग सभी परिवार आपस में मिलकर रहेंगे। चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री बनते ही ग़रीब वर्गों का काफ़ी सौगता दी है। एक तरफ किसानों का क़र्ज़ माफ़ कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ बिजली बिल माफ़ करने जैसे बड़े फैसले भी सुना चुके हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पूरी कोशिश है कि पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान का असर कहीं से भी आगमी विधानसभा आगामी चुनाव पर नहीं पड़े। सीएम चन्नी लगातार एक के बाद एक फ़ैसला लेते हुए पंजाब की जनता के दिलों में घर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
58 वर्ष पूरा होने पर सेवानिवृत्ति
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को मोरिंडा में धान की खरीदी का निरीक्षण करने के पहुंचे थे। निरीक्षण करने बाद उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्ति लेकर नौजवानों के लिए कुर्सी छोड़नी होगी। इसको लेकर कानून साफ़ है और अब सरकार की तरफ़ से 58 साल पूरे होने के बाद किसी भी कर्मचारी को राहत नहीं दी जाएगी। सीएम की इस घोषणा के साथ ही सेवा विस्तार लेकर रिटायरमेंट के बाद भी कुर्सी पर जमे रहने वाले कर्मचारियों को अब आगे विस्तार नहीं मिलेगा। सीएम चन्नी ने कहा कि भले ही विधानसभा चुनाव के लिए छह महीने ही रह गए हैं लेकिन उनकी सरकार पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करेगी। अगले तीन में लोगों को बदलाव देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपना काम नेक नीति, समर्पण की भावना और ईमानदारी के साथ कर रही है।
DGP की नियुक्ति प्रक्रिया
पंजाब कांग्रेस अध्यहक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्ती फे के गाद चरणजीत सिंह सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिद्धू ने दिनकर गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद इकबाल प्रीत सिंह सहोता को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्तर करने पर आपत्ति जताई थी। अब चरणजीत सिंह चन्नीप सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग को अधिकारियों के नामों की सूची भेज दी है। इस पद के लिए बीके भावरा और इकबालप्रीत सिंह सहोता के बीच मुकाबला होने की संभावना है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले की जांच के लिए बनाई गई पहली एसआइटी के प्रमुख सहोता को कार्यकारी डीजीपी लगाने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू नाराज हो गए। उनको मनाने और स्थायी डीजीपी के लिए सरकार ने यूपीएससी को अधिकारियों के नाम भेजे हैं।
 
  
 



















































