हाई कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दायर कर अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई कि बल्लभगढ़ के नजदीक दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन की वजह से लगने वाले जाम को खत्म कराया जाए।
चीफ जस्टिस डी. एन. पटेल और जस्टिस अमित बंसल की बेंच को दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस तरह की मांग वाली तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, जिसने मामले पर गौर करने के लिए एक समिति गठित की है। बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील को सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर याचिकाओं की पुष्टि करने के लिए कहा और सुप्रीम कोर्ट से पारित आदेशों पर भी गौर करने के लिए कहा ताकि हाई कोर्ट कोई विरोधाभासी आदेश पारित नहीं कर सके। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 15 नवंबर तय कर दी।
याचिकाकर्ता बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वकील ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा के सुरक्षा बलों के बैरिकेड लगाए जाने की वजह से दोनों राज्यों के बीच काम करने वाले लोगों को पिछले 10 महीने से परेशानी हो रही है। साथ ही कहा कि हजारों लोगों को परेशानी हो रही है, क्योंकि उन्हें आने-जाने में दिक्कत होती है। व्यवसायी संगठन ने कहा कि उन्होंने कानून को लागू करवाने वाली एजेंसियों से भी संपर्क किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
याचिकाकर्ता के वकील ने जब यह कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वहां से एंबुलेंस बिना बाधा के गुजर सके तो दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि अलग से रास्ता बनाया गया है और सभी आपातकालीन गाड़ियों को वहां से गुजरने की इजाजत है। बहादुरगढ़ हरियाणा के झज्जर जिले में है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित देश के हजारों किसान दिल्ली के अलग-अलग एंट्री पॉइंट्स पर पिछले 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं।