पंजाब चुनाव विधायकों की चिट्ठी ने कैप्टन की टेंशन फिर बढ़ाई, विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग।

Parmod Kumar

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पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जहां सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से बग़ावती सुर तेज़ हो गए हैं। पंजाब कांग्रेस के 80 में से 40 विधायकों ने आलाकमान को पत्र लिखा है। पत्र के ज़रिए विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को जल्द से जल्द विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि इस बैठक में दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों को भी भेजा जाए। उनके सामने ही विधायक अपनी बात रखेंगे। SUV खरीदने का आपके लिए बेहतरीन मौका यहां क्लिक करें विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अविश्वास जताने वाले कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा अपने साथी तीन मंत्रियों और कुछ विधायकों के साथ बुधवार सुबह से ही कांग्रेस के अन्य विधायकों से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करवाते रहे ताकि विधायक दल की बैठक बुलाई जा सके। वहीं कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बुधवार शाम को पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह के आवास नेताओं की बैठक हुई। उसके बाद तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर भी नेताओं में लंबी बातचीत का दौर चला। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर बातचीत हुई। वहीं बैठक में शामिल विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अविश्वास जताया है।

AAP में बग़ावती सुर तेज़ होने के साथ ही हुई फंड की कमी, पार्टी ने इस तरह निकाला तोड़ कांग्रेस नेताओं की पहले भी हुई बैठक गौरतलब है कि इससे पहले 25 अगस्त को भी इसी तरह की एक बैठक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर हुई थी। इसमें चार मंत्रियों सहित 20 विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जताया था। यहां तक की चारों मंत्री और कुछ विधायक पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से बात करने के लिए देहरादून और उसके बाद सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली भी गए थे। लेकिन, सोनिया गांधी ने किसी को भी समय नहीं दिया। वहीं हरीश रावत को मामले को सुलझाने के लिए चंडीगढ़ भी पहुंचे थे जहां उन्होंने कांग्रेस विधायकों से अलग-अलग बात भी की थी। हरीश रावत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से भी मिले थे और मुख्यमंत्री से भी उन्होंने बात की थी। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाखुश चल रहे खेमे ने परगट सिंह से उन विधायकों को मनाने के लिए कहा है जो 25 अगस्त की बैठक में तो शामिल थे लेकिन बाद में एकजुट नहीं हो पाए। पंजाब: किसान आंदोलन में अन्ना हजारे की सक्रियता पर किसान नेता ने उठाए सवाल, कही ये बात सीद्धू ने लिखा था पत्र ग़ौरतलब है कि हाल ही में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने 32 कृषि संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दो दिन बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। प्रतिनिधियों ने मुलाकात के दौरान अपनी मांगों को उठाया था। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा, ‘अनुरोध है कि आप 32 किसान यूनियनों की तरफ से बुलाई गई बैठक में उठाई गईं मांगों पर ध्यान दें और आवश्यक कार्रवाई करें।’ सिद्धू ने कहा कि किसान नेताओं ने राज्य में आंदोलन के दौरान हिंसा के मामलों के कारण किसान संघों के खिलाफ दर्ज ‘अन्यायपूर्ण और अनुचित’ एफआईआर को रद्द करने की मांग की।