IAS Manuj Jindal Success Story: ‘जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष है। जो जीवन में संघर्ष और चुनौतियों का सपना करके बाधाओं से लड़ना सीख लेते हैं, कामयाबी उनके कदम चूमती है।’ जिंदगी ने कदम-कदम पर मनुज जिंदल का इम्तिहान लिया और वे उन्हें पार करते हुए आज देश के सबसे सम्मानित IAS पद पर हैं। आईएएस मनुज जिंदल की सक्सेस स्टोरी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा से कम नहीं हैं, जो चुनौतियों से घबराकर अपना रास्ता बदल लेते हैं।
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के रहने मनुज सिंदल की शुरुआती स्कूलिंग गाजियाबाद में हुई है। इसके बाद देहरादून के एक स्कूल से पढ़ाई की। इसी दौरान उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में जाने का मन बनाया। साल 2005 में उन्होंने UPSC NDA का एग्जाम किया और सेलेक्ट हो गए। 18 साल की उम्र में वे एनडीए कैडेट बने, उनकी 18वीं रैंक थी।
18 साल की उम्र में मनुज एनडीए कैडेट बन गए थे, लेकिन वे आगे तक नहीं पहुंच पाए। एनडीए में सेलेक्शन होने के बाद तीन साल ट्रेनिंग होती है। उसके बाद भारतीय सेना में तैनाती मिलती है। एक इंटरव्यू में मनुज ने बताया है कि एनडीए ट्रेनिंग का पहला टर्म तो बहुत अच्छा निकला, लेकिन दूसरा टर्म आते-आते डिप्रेशन ने घेर लिया। फिजिकल एक्टिविटी नहीं हो रही थी, इंजरी होने लगी। अधिकारियों ने हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया, जहां तीन-चार महीने इलाज चला। बाद में एकेडमी ने निकाल दिया।
एकेडमी से निकाले जाने के बाद मनुज को कुछ समझ नहीं आ रहा था। परिवार ने संभाला तो आगे की पढ़ाई का मन बनाया। उस वक्त दोस्तों ने देश-विदेश की उन यूनिवर्सिटीज में अप्लाई करने की सलाह दी, जहां अच्छी स्कॉलरशिप मिल जाए। उन्होंने देश-विदेश की कई यूनिवर्सिटीज में अप्लाई किया। उनका यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया में एडमिशन हो गया। यहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया से ग्रेजुएशन करने के बाद मनुज को बार्कलेज में हाई पैकेज सैलरी वाली नौकरी मिल गई। कई साल नौकरी की लेकिन वह यूपीएससी में जाने का ख्वाब अभी भी अधूरा था। उन्हें पता चला कि छोटा भाई यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहा है। मनुज ने भी ठाल लिया कि वे अब पीछे नहीं हटेंगे। वे करीब 12 साल बाद देश लौटे और भाई से प्रेरणा लेकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
साल 2014 में मनुज ने पहली बार यूपीएससी सिविस सर्विस एग्जाम दिया था। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स एग्जाम क्लियर कर लिया लेकिन इंटरव्यू में रह गए। दूसरे अटेंप्ट में यूपीएससी इंटरव्यू भी क्लियर कर लिया। पर उन्हें रिजर्व लिस्ट में डाल दिया गया। बार-बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2017 में तीसरा अटेंप्ट दिया। इस बार उन्होंने न सिर्फ यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया, बल्कि 53वीं ऑल इंडिया रैंक (UPSC AIR) हासिल करके IAS ऑफिसर बनें।
मनुज जिंदल महाराष्ट्र कैडर के 2017 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने एसडीएम एवं डाकघर भामरागढ़, गढ़चिरौली, सीईओ जिला परिषद ठाणे, निवेश बैंकिंग, वित्त और एमएसआरडीसी में संयुक्त प्रबंध निदेशक पद पर सेवाएं दी हैं। 9 सितंबर को उन्हें महाराष्ट्र के रत्नागिरी का जिला अधिकारी (District Collector) पद सौंपा गया है।
इस जर्नी के दौरान मनुज ने यूपीएससी उत्तर लेखन पर ‘एसिंग द आर्ट ऑफ आंसर राइटिंग’ बुक लिखी है। इसके अलावा, आईएएस मनुज एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं जहां वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।