अहीरवाल का दिल जीतने वाला बनेगा किंग, BJP के चुनावी पत्ते खुलने के बाद कांग्रेस तलाश रही मजबूत नेता

Parmod Kumar

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जजपा भी इस सीट से चुनाव लड़ सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला यहां से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने का एक कारण भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से जजपा प्रत्याशी के चुनाव लड़ने की जिद भी है। अजय चौटाला ने बंसीलाल के गढ़ तोशाम से प्रचार शुरू कर दिया था। इसके अलावा चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान भी लोकसभा जाने के इच्छुक हैं।

भाजपा से चौधरी धर्मवीर के नाम की घोषणा होने से काफी पहले से श्रुति चौधरी को इस सीट पर कांग्रेस का दावेदार माना जा रहा है, मगर धर्मवीर सिंह के फिर से मैदान में आने के बाद पुराना इतिहास दोहराने का डर भी सता रहा है। ऐसे में कांग्रेस सबसे अहम अहीर यानि राव मतदाताओं को साधने के लिए राव दान सिंह के नाम विचार कर सकती है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खासमखास राव दान सिंह फिलहाल महेंद्रगढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं और इलाके में मजबूत पकड़ भी रखते हैं। हालांकि पिछले चुनावों की बात करें तो धर्मवीर सिंह अहीरवाल क्षेत्र में काफी मजबूत रहे थे। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह भी कांग्रेस से टिकट के दावेदार हैं। 2019 में वे कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली से चुनाव लड़ चुके हैं।

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट 2009 में अस्तित्व में आई थी। इससे भिवानी संसदीय क्षेत्र था, जो 1977 में अस्तित्व में आया था। तब महेंद्रगढ़ जिला नहीं था। इससे पहले भिवानी का क्षेत्र हिसार लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था। 1977 से लेकर अब तक यहां से पांच बार कांग्रेस और दो बार लगातार भाजपा को जीत मिली है।

चौधरी बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी से भी तीन बार यहां से सांसद बने हैं। एक बार ये सीट इनेलो की झोली में भी गई है। जनता पार्टी की लहर में यहां के मतदाताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल को भी हार का स्वाद चखाया और चंद्रावती को संसद भेजा था। अब फिर चुनावी उठापटक शुरू हो गई है। भाजपा के बड़े चेहरे एक मंच पर हर हाल में जीत के लिए जीतोड़ मेहनत में जुट गए हैं। वहीं, विपक्षी खेमे कांग्रेस में अभी टिकट को लेकर ही उधेड़बुन चल रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में धर्मवीर सिंह को भाजपा से सात लाख 36 हजार से अधिक वोट से जीत मिली थी। उस समय श्रुति चौधरी दो लाख 92 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे नंबर पर थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मवीर को चार लाख से अधिक वोट लेकर विजयी हुए थे और श्रुति चौधरी दो लाख 68 हजार से ज्यादा वोट लेने के बाद भी तीसरे नंबर पर रही थीं। दूसरे स्थान पर इनेलो प्रत्याशी राव बहादुर सिंह को दो लाख 75 हजार से अधिक वोट मिले थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में श्रुति चौधरी ने तीन लाख से अधिक वोट लेकर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर रहे इनेलो प्रत्याशी अजय सिंह चौटाला दो लाख 47 हजार से अधिक वोट ही ले पाए थे।