पंजाब विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे पंजाब सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। कभी अध्यापक संघ पक्का करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लग जाते हैं तो कभी गन्ना किसान गन्ना की ख़रीदी मुल्य को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लग जाते हैं। अभी विरोध प्रदर्शन ख़त्म भी नहीं हुआ है कि पंजाब सरकार के सामने एक और मुश्किल आ गई है। अब ट्रक मालिकों और ऑपेरटरों ने पंजाब सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। ट्रक मालिकों ने खोला मोर्चा नंगल स्थित कारखाना पीएसीएल और पंजाब सरकार के ख़िलाफ़ नंगल इलाके के ट्रक मालिकों एक बार फिर मोर्चा खोलने का फैसला लिया है। इस बाबत ट्रक यूनियन ने एकजुटता बनाने के लिए ट्रक मालिकों के साथ बैठक की। बैठक में ट्रक मालिकों ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएसीएल को पंजाब सरकार ने कौड़ियों के भाव बेच दिया है। अब उसके बाद हम लोगों की रोटी रोजी को छीनने की कोशिश की जा रही है। ट्रक मालिकों का का कहना है कि पीएसीएल कंपनी ने ट्रक के भाड़े को 25 फीसद कम कर दिया है। इस वजह से उन्हें लगातार घाटा हो रहा है। अगर हालात ऐसे ही रहेंगे तो धंधा मंदा पड़ जाएगा और रोज़ी रोटी पर भी आफ़त आ जाएगी।
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं ट्रक मालिकों ने बताया कि इस बाबत स्थानीय विधायक के पास कई बार भी कई बार मांग उठाई जा चुकी है। स्थानीय विधायक को ट्रक ऑपरेटरों और मालिकों के हितों की अनदेखी के बारे में बताया जा चुका है लेकिन कोई हल नहीं निकला। ट्रक मालिकों का आरोप लगाया है कि सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है। हम लोगों के शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस वजह से दोबारा से संघर्ष शुरू करने के लिए हम लोग एकजूट हो रहे हैं और जल्द ही आंदोलन करेंगे। 2022 के फाइनल से पहले सेमीफाइनल में ख़ुद को आज़माना चाहती है ‘AAP’, नगर निगम चुनाव में खेला नया दांव ट्रक यूनियन की बैठक नंगल ट्रक युनियन की बैठक में सबके मशवरे से ये फैसला लिया गया कि शुरुआत में नंगल ट्रक यूनियन के सदस्य पीएसीएल गेट तक पैदल मार्च करते हुए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार के ख़िलाफ़ भी आवाज बुलंद करने की कोशिश की जाएगी। नंगल ट्रक युनियन की मांग है कि ट्रक और टैंकरों को जल्द से जल्द काम दिया जाए साथ ही भाड़े में 25 फ़िसद इज़ाफ़ा भी किया जाए। पहले की तरह छह टायर की गाड़ियों को काम पर रखा जाए। समय पर भाड़े की अदायगी की जाए। गन्ना किसानों की मांग किसान संगठनों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि 2021-22 सीजन के लिए गन्ने का समर्थन मूल्य तुंरत घोषित करें। पिछले दो साल से सरकार ने गन्ने के भाव में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। गन्ने का समर्थन मूल्य भी दो साल के मुताबिक बढ़ाया जाए। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में गन्ने का मूल्य बाकी सभी राज्यों के मुक़ाबले में कम है, जबकि पंजाब के गन्ने से निकलने वाली चीनी सभी राज्यों की तुलना में ज़्यादा है। सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दे और जल्द से जल्द इसका निपटारा करे।