हरियाणा में भाजपा और जजपा का गठबंधन वैसे तो टूट चुका है, लेकिन बीते दिन चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर अचानक दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर के बीच हुई मीटिंग की खबर ने हरियाणा की सियासत में हलचल बढ़ा दी है तो दूसरी तरफ जजपा के पांच बागी विधायकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जजपा 5 बागी विधायकों को नोटिस जारी करेगी। भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद पार्टी द्वारा व्हिप जारी करने के बावजूद भी जजपा के 5 विधायक सैनी के विश्वास मत प्रस्ताव में विधानसभा पहुंचे थे।
गौर रहे कि 12 मार्च को भाजपा और जजपा का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद शाम को नए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने पांच मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। 13 मार्च को सीएम सैनी की ओर से विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए सदन में विशेष सत्र बुलाया गया था। इस सत्र में जजपा की ओर से व्हिप जारी कर पार्टी विधायकों को अनुपस्थित रहने के लिए कहा था। इसके बाद भी पूर्व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के साथ नारनौंद से रामकुमार गौतम, नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा, बरवाला से जोगीराम सिहाग और गुहला चीका से ईश्वर सिंह सदन में पहुंचे थे। हालांकि वह वोटिंग के समय बाहर चले गए थे। कोई भी कार्रवाई करने से पहले पार्टी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। यदि विधायक नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो पार्टी कानूनी राय लेने के बाद कार्रवाई करेगी। इसके लिए पार्टी विधानसभा अध्यक्ष को भी लेटर लिखेगी। अहम बात यह रही कि यह विधायक हिसार में जजपा की नवसंकल्प रैली में भी नहीं पहुंचे थे।
बता दें कि इससे पहले साल 2019 में इनेलो के पांच बागी विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई थी। इनेलो के विधायक होते हुए जजपा के कार्यक्रमों में शामिल होने पर इनेलो ने स्पीकर को शिकायत की थी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर कंवर पाल ने पांचों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी।