कपास फसल की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी का रुख बना हुआ है. राजस्थान से लेकर पंजाब और हरियाणा की मंडियों में कॉटन की कीमतों में काफी उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह कम उत्पादन और मांग ज्यादा होने का अनुमान है. कॉटन की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को लेकर इंडस्ट्री भी चिंता जता रही है. इसी को लेकर सोमवार को टेक्सटाइल मंत्रालय बड़ी बैठक कर सकता है. दरअसल कॉटन कीमतों को लेकर सरकार एक्शन में है, वहीं बैठक में कॉटन कीमतों में एक्सचेंज की भूमिका पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा, कीमतों पर MCX, NCDEX की भूमिका पर भी विचार संभव हैं.
बता दें कि, पिछले दिनों कॉटन इंडस्ट्री से लेकर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हो चुकी है. वहीं इन बैठकों में भी यह बात निकलकर सामने आई है कि, वायदा एक्सचेंज का कॉटन की कीमतों को बढ़ाने में क्या रोल है.
सोमवार को टेक्सटाइल मंत्रालय की बैठक!
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को टेक्सटाइल मंत्रालय की बैठक हो सकती है. वहीं इस बैठक में इस बात पर चर्चा होना संभव है कि, क्या कॉटन की बढ़ती कीमतों को लेकर वायदा बाजार जिम्मेदार है. बता दें, बैठक में एक्सचेंजों और उद्योग जगत के सभी प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है. इस दौरान वायदा बंद करने या ट्रेडिंग की शर्तों पर चर्चा हो सकती है. वहीं चर्चा के बाद जो भी बात निकलकर सामने आएगी, उसको लेकर सरकार इसपर कुछ बदलाव कर सकती है या फिर नए नियम लागू किए जा सकते हैं.
कॉटन का दाम बढ़ने की क्या है वजह?
फिलहाल कॉटन के दाम बढ़ने को लेकर एक मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. जिसके मुताबिक यह माना जा रहा है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने से फ्यूचर मार्केट में कॉटन के दाम बढ़े हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का यह भी कहना है कि, उत्पादन कम रहने की आशंका के बीच घरेलू मिलों की बढ़ी मांग से कपास कीमतों में उछाल है. इतना ही नहीं, कुछ लोगों का मानना है कि बढ़ती कीमतों में वायदा बाजार की कोई भूमिका नहीं है.
सरकार पिछले लंबे समय से कॉटन की कीमतों में नजर बनाए हुए है, इसको लेकर उद्योग जगत के सभी प्रतिनिधियों से भी बातचीत हो रही है. बता दें, इंडस्ट्री के कुछ मुख्य लोगों से दाम को अपने स्तर पर नियंत्रित करने की बात कही गई है, लेकिन फिलहाल दामों में लगातार उछाल देखा जा रहा है. इसलिए सरकार इसपर कुछ बड़े कदम उठा सकती है.