कोरोना महामारी के बीच देश में अभी भी 12वीं की परीक्षाओं को लेकर संशय बना हुआ है। कई छात्र और शिक्षक यह मांग कर रहे हैं कि 12वीं की परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए और छात्रों के आंकलन का दूसरा तरीका निकाला जाना चाहिए। वहीं, कई शिक्षकों और छात्रों का यह भी कहना है कि बिना परीक्षा के बोर्ड एग्जाम के नंबर कैसे दिए जा सकते हैं। इस बीच छात्रों के लिए अच्छी खबर आई है। 12वीं के परीक्षार्थियों को उनके ही स्कूल में परीक्षा देने का मौका मिल सकता है। इसका मतलब है कि बोर्ड होम सेंटर एग्जाम कराने के बारे में सोच रहा है। रविवार के दिन CBSE बोर्ड और राज्य के अधिकारियों के बीच हुई चर्चा में यह बात सामने आई है। बोर्ड ने अधिकारियों के सामने 2 विकल्प रखे हैं। पहला विकल्प परीक्षा केन्द्र किराए पर लेने का है और दूसरा विकल्प मौजूदा स्कूलों को परीक्षा केन्द्र में बदलने का है। हालांकि बोर्ड इस बात के पक्ष में है कि छात्रों को उसी स्कूल से परीक्षा देने का मौका मिलना चाहिए जहां से वो पढ़ाई कर रहे हैं। इस बारे में अंतिम निर्णय 1 जून के दिन लिया जाएगा। इस दिन केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 12वीं की परीक्षा को लेकर फैसला लेंगे। CBSE के प्रस्ताव के अनुसार छात्रों को उसी स्कूल में परीक्षा देने का मौका दिया जाना चाहिए, जहां वो अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में परीक्षाएं 45 दिन के अंदर खत्म हो जाएंगी और परीक्षा खत्म होने के 15 दिन बाद रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अऩुसार अधिकतर राज्य बोर्ड के पहले प्रस्ताव पर राजी हैं।
90 मिनट की परीक्षा कराने पर सभी राज्य सहमत
सभी राज्यों ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें सभी विषयों की परीक्षा कराने की बात कही गई है, लेकिन परीक्षा का समय 1.5 घंटे रखे जाने का प्रस्ताव है। छात्रों की सुविधा के लिए इसमें सिर्फ वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे और छोटे जवाब वाले सवाल पूछे जाएंगे।
15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच हो सकती हैं परीक्षाएं
CBSE बोर्ड ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं आयोजित कराने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, परीक्षा की तारीख, समय और परीक्षा के तरीके पर 1 जून के दिन अंतिम फैसला होगा। इसके साथ ही परीक्षाओं को लेकर केन्द्र सरकार अपनी नीति भी स्पष्ट करेगी। केन्द्र सरकार अभी भी 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने को लेकर राज्यों के जवाब का इंतजार कर रही है। भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेकर ने बुधवार को कहा कि जुलाई और अगस्त के महीने में CBSE बोर्ड परीक्षा कराने का फैसला अभी फाइनल नहीं है। इस बारे में अंतिम निर्णय 1 जून को ही होगा। टाइम्स नाऊ से बातचीत में उन्होंने बताया कि सरकार अभी सिर्फ सब का मत जानना चाह रही है। कुछ भी फाइनल नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर जुलाई के शुरुआती दिन परीक्षा के लिए सुरक्षित नहीं हैं तो सरकार के पास दूसरा प्लान भी है।