समय से न्याय की जगी आस, हिट एंड रन से बचना है तो हादसे की देनी होगी सूचना

parmod kumar

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जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने बताया कि आईपीसी और नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 की तुलना करें तो नए कानून में सरकार की ओर से 33 धाराओं में कारावास की सजा को बढ़ाया गया है, यानी जिन अपराधों में कारावास की सजा तीन साल थी, उसे बढ़ाकर पांच साल तक कर दिया गया है। इसी तरह 83 ऐसी धाराएं हैं जिनमें जुर्माना राशि को बढ़ाया गया है। ऐसे ही 23 धाराओं में कम से कम सजा को सुनिश्चित कर दिया गया है। नए कानून में विदेश में बैठकर किसी संगठन व व्यक्ति द्वारा भारत में अपराध कराने पर उसके खिलाफ नए कानून की धारा 48 के तहत उसी अपराध की सजा दी जाएगी, जो उसने कराया है। इसी तरह अनेकों बदलाव नए कानून में किए गए हैं।

उप जिला न्यायवादी अमन कौशिक ने बताया कि नए कानून में छोटे अपराध करने वालों के लिए कम्यूनिटी सर्विस कानून बनाया गया है। इसमें दोषी को पौधे लगाने, पानी पिलाने, बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने जैसी सजा मिलेगी। यह उन अपराधों के लिए है जिसमें तीन महीने से कम की सजा है और जुर्माने का प्रावधान है। नए कानून में भीड़ में किसी व्यक्ति की जान जाने पर धारा 103 (2) के तहत फांसी की सजा का प्रावधान है। वहीं हिट एंड रन के मामले में भी अब दस साल की सजा है। हिट एंड रन से बचने के लिए जिस व्यक्ति से दुर्घटना होती है, उसे घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना होगा और पुलिस को भी सूचना देनी होगी।