इससे कंपनी को मुनाफा हुआ है। इसमें से विधायक ने भी करोड़ों रुपये लिए हैं। मौजूदा कंपनी पर एनजीटी ने पर्यावरण के मानदंडों का उल्लंघन करने पर करीब 18 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था। एडवोकेट महादेव ने कहा कि विधायक के पास जो हिस्सेदारी थी, उसमें मुनाफे के चलते विधायक को लाभ हुआ था जो कि संभवत: हर शेयर होल्डर को होता है। इसके बावजूद हमने ईडी को सारे कागजात व अन्य दस्तावेज सौंपे थे जो भी ईडी ने मांगे थे। फिर भी विधायक की गिरफ्तारी गलत है। क्योंकि अगर विधायक निदेशक के पद पर नहीं हैं तो उनकी गिरफ्तारी ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि 20 जुलाई को ईडी ने सोनीपत के विधायक को सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार किया था। ईडी ने विधायक पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने गलत तरीके से खनन करवाकर कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये कमाए हैं। गिरफ्तार करने के बाद विधायक को अंबाला की अदालत में पेश किया था और 14 दिन का रिमांड मांगा था। इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाते हुए नौ दिन का रिमांड मंजूर किया था। फिलहाल ईडी मामले में विधायक से पूछताछ कर रही है। नौ दिन के बाद विधायक को फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा।