भारी पड़ी कार्यकर्ताओं की नाराजगी, आतंरिक सर्वे के आधार पर कटे सुनीता दुग्गल और संजय भाटिया के नाम

Parmod Kumar

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पार्टी से जुड़े लोगों ने बताया है कि सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल से पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ लोगों में भी नाराजगी थी। पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी और उपेक्षा की बात भी सामने आई है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर भाजपा के खिलाफ नहीं है बल्कि मौजूदा सांसद के खिलाफ है। बीते साल जब वह जब नरवाना के एक गांव में पहुंची थी तो उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा था। हालांकि उन्हें भी टिकट कटने का आभास हो गया था। वह काफी दिनों से दिल्ली की दौड़ लगा रही थी। प्रभारी विप्लब कुमार देब से लगातार मुलाकातें कर रही थी, मगर बात बनी नहीं।

करनाल सांसद संजय भाटिया के साथ भी लोग जुड़ नहीं पा रहे थे। मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण भले ही उन्हें तवज्जो दी जा रही हो, लेकिन लोगों में उनके प्रति उतना उत्साह नहीं था। वह करनाल तक ही सीमित रहे, जबकि उनके क्षेत्र में पानीपत जिला भी आता है। पानीपत के लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी थी। पार्टी के आतंरिक सर्वे में भी वह खरे नहीं उतरे।

भाजपा को चार लोकसभा सीटों पर नए चेहरे की तलाश है। राज्य की सबसे हॉट सीट रोहतक से भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तलाश है, जो कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को हरा सके। दीपेंद्र अपनी पार्टी से मजबूत दावेदार हैं। पार्टी यहां से मौजूदा सांसद अरविंद शर्मा को दोबारा उतारने से परहेज कर रही है।

हिसार से बृजेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी जातीय समीकरण को लेकर पसोपेश में फंसी है। पार्टी के पैनल में कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई शामिल हैं। कैप्टन अभिमन्यु प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भी हैं। पार्टी यहां से जजपा के भी उम्मीदवार का भी इंतजार कर रही है, क्योंकि जजपा के दुष्यंत चौटाला सांसदी का चुनाव जीत चुके हैं और यह इलाका उनका पैतृक गढ़ रहा है। पिछले दो दिन से इलाके में बदली परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी अब नए उम्मीदवार को ही मैदान में उतारेगी। मौजूदा सांसद रमेश कौशिक के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है।

कुरुक्षेत्र के मौजूदा सांसद नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने से तय हो गया है कि पार्टी अब नए उम्मीदवार पर ही दांव लगाएगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के एक पूर्व सांसद भाजपा के संपर्क में है। पार्टी उनकी हां का इंतजार कर रही है। यदि वह हामी भरते हैं तो कांग्र्रेस नेता व उद्योगपति भाजपा के उम्मीदवार होंगे।

भाजपा की पूर्व सांसद सुधा यादव को इस बार भी टिकट नहीं मिला। वह भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मांग रही थी, मगर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। वह गुरुग्राम से सांसद रह चुकी हैं और उन्होंने इस सीट से दिग्गज नेता राव इंद्रजीत को हराया था।