thesadaknama.com-कैंसर का कारण बनने वाला जीन म्यूटेशन, ब्लड और ब्रेन कैंसर की बड़ी वजह !

paromodkumar

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कैंसर  का नाम सुनकर हाथ-पैर फूलना सामान्य है। यह बीमारी देर से पता चलती है और इलाज भी काफी जटिल होता है। सबसे बड़ी बात है कि कैंसर होने के पीछे सटीक कारणों का पता लगाने के लिए शोधकर्ता दिनरात अध्ययन करते रहते हैं। जिससे इसके इलाज को और ज्यादा आसान और प्रभावी बनाया जा सके। ऐसे ही एक शोध में एक नये जीन म्यूटेशन का पता लगा है।यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्रोफेसर Chuan He की रिसर्च के बारे में लिखते हुए Lourise Lerner ने बताया कि कैंसर होने के पीछे एक जीन की चौंकाने वाली भूमिका मिली है। जिसकी मदद से भविष्य में कैंसर के इलाज को प्रभावी बनाया जा सकता है।हमारी बॉडी की हर सेल्स में डीएनए को ढकने और खोलने का कार्य प्रोटीन करते हैं, जिसके दौरान सावधानी से कुछ जीन्स को एक्टिवेट और डिएक्टिवेट किया जाता है। इस प्रक्रिया में जरा सी भी गड़बड़ी होने पर कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारी हो सकती हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित प्रोफेसर Chuan He और उनकी टीम के शोध के मुताबिक इस प्रक्रिया में TET2 जीन के जरिए RNA की भूमिका भी मिली है। इसका मतलब है कि केवल डीएनए ही नहीं, बल्कि आरएनए के इस जीन में गड़बड़ी होने पर भी कैंसर का खतरा हो सकता है।

RNA का क्या है रोल?

डीएनए की तरह आरएनए भी जीन के कामकाज को प्रभावित करता है। TET2 जीन आरएनए मिथाइलेशन पर प्रभाव डालता है। यह प्रक्रिया बताती है कि किसी सेल में जेनेटिक मटेरियल किस तरह रहेंगे। शोध में पता लगा कि TET2 आरएनए के खास प्रकार में m5C नाम की मोडिफिकेशन की उपस्थिति को रेगुलेट करता है, जो MBD6 नाम के प्रोटीन को आकर्षित करता है। TET2 और MBD6 साथ में मिलकर किसी भी जीन के कामकाज और सेल्स के कामकाज को कंट्रोल करते हैं। जिसे क्रोमेटिन कहा जाता है।

ऐसे होता है कैंसर

शोधकर्ताओं के मुताबिक जब TET2 में गड़बड़ी आती है तो क्रोमेटिन भी ढंग से नहीं हो पाता। इसकी वजह से कैंसरीकृत सेल्स को बढ़ने का मौका मिल सकता है। यह खासतौर से खून और दिमाग की सेल्स में देखा जाता है। जो कि ब्लड कैंसर और ब्रेन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। इस खोज के बाद कैंसर के सटीक कारणों को ठीक करके इलाज को प्रभावी बनाया जा सकता है

इन बीमारियों में भी जिम्मेदार

शोध के मुताबिक TET2 जीन में म्यूटेशन कैंसर के अलावा भी कई बीमारी का कारण बन सकती है। इसकी वजह से CHIP नाम की कंडीशन हो सकती है, जो कि 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में आम है। इसकी वजह से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और इंफ्लामेटरी डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है।

कैंसर से बचाव के उपाय

तंबाकू के सेवन से दूर रहें
वजन को कंट्रोल में रखें
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
हेल्दी डाइट लें
प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें
शराब का सेवन न करें
सूरज की हानिकारक किरणों से दूर रहें
रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं

यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। thesadaknama.com