बाल विवाह की कुरीति को खत्म करने की कोशिश पूरी दुनिया में जारी है। कुछ हद तक इस पर काबू भी पा लिया है। हालांकि, अभी भी कई ऐसे देश हैं, जो लगातार बाल विवाह को कानूनी करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं इराक की। यहां शादी के उम्र में संशोधन की पूरी तैयारी है। अगर यहां यह संशोधन पारित हो जाता है तो विवाह की उम्र न केवल कम हो जाएगी बल्कि महिलाओं के लिए तलाक, बच्चों की कस्टडी और प्रॉपर्टी जैसे खास अधिकार भी प्रतिबंधित हो जाएंगे। इसके साथ यह विधेयक ईराक के नागरिकों को पारिवारिक मामलों पर निर्णय लेने के लिए धार्मिक अधिकारियों या नागरिक न्यायपालिका को चुनने की भी अनुमति देगा।मिडिल ईस्ट आई के मुताबिक, पर्सनल स्टेटस लॉ 1959 के 188 नियम में बदलाव की बात हो रही है। पुराना नियम अब्दुल करीम कासिम सरकार ने बनाया था। कासिम की पहचान प्रोग्रेसिव लेफ्टिस्ट के तौर पर थी, जिनके समय में कई बड़े बदलाव लाए गए। इनमें से एक था- 18 साल की उम्र होने पर ही लड़कियों की शादी। पचास के दशक के आखिर में पूरे मिडिल ईस्ट में इसे सबसे बढ़िया कानूनों में माना गया था।
लॉ के अनुसार —-मुस्लिम पुरुष और गैर-मुस्लिम महिला अगर शादी करना चाहें तो इसपर कोई शर्त या प्री-कंडीशन नहीं रहेगी। हालांकि, जितना सुनाई दे रहा है, कानून उतना भी सीधा नहीं था। इसमें एक नियम यह भी डाल दिया गया कि शादियां 15 वर्ष की आयु में भी हो सकती हैं, अगर परिवार और जज की इजाजत हो।
शिया इस्लामिस्ट पार्टियों ने मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार किया, जिसमें इस बदलाव की बात है। बता दें कि फिलहाल इराक में मोहम्मद शिया अल-सुदानी की सरकार है, जो खुद एक शिया हैं और जिन्हें शिया पार्टियों का समर्थन मिला हुआ है। शिया-बहुल इस देश की सरकार में शिया पार्टियों की बड़ी भूमिका होती है और वे अक्सर बड़े फैसले लेते रहे। इराक की शिया दलों के गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा है कि यह संशोधन इस्लामिक शरिया कानून के तहत है और इसका उद्देश्य युवा लड़कियों की सुरक्षा करना है।
चैथम हाउस के वरिष्ठ अनुसंधान फेलो डॉ. रेनाड मंसूर के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, ‘यह अब तक का सबसे करीबी मुकाबला है। इसमें पहले से कहीं अधिक गति है, जिसका मुख्य कारण शिया पार्टियां हैं। हालांकि, यह सभी शिया पार्टियों की बात नहीं हैं, बल्कि केवल कुछ विशेष दल ही सशक्त हैं और वास्तव में इस पर जोर दे रहे हैं। धार्मिक पक्ष पर जोर देना उनके लिए कुछ वैचारिक वैधता हासिल करने का प्रयास करने का एक तरीका है जो पिछले कुछ वर्षों में कम हो रहा है।’यूनीसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईराक में युवतियों को अनैतिक संबंधों से बचाने के लिए कम उम्र में ही विवाह कर दिया जाता है। यूनिसेफ के अनुसार, पूरे इराक में बाल विवाह की उच्च दर पहले से ही प्रचलित है। लगभग 28 फीसदी इराकी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है और प्रस्तावित संशोधनों से स्थिति और खराब होने की आशंका है
पहले भी हो चुकी है कोशिश
कानून में संशोधन करने के पहले भी प्रयास हो चुके हैं। हालांकि, पहली बार ऐसा लग रहा है कि कानून पारित करने में सांसद सफल हो सकते हैं। इससे पहले कानून में दूसरा संशोधन 16 सितंबर को पारित किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे कानून 188 नाम दिया गया। ये कानून ईराक के मूल रूप से रहने वाले सभी संप्रदाय के परिवारों के लिए समान रूप से लागू किया जाएगा।