आज के समय में होने वाली एक सामान्य मेडिकल कंडीशन है। इसमें आपके गले में मौजूद थायराइड ग्रंथि का पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। थायराइड हार्मोन आपके शरीर की उर्जा के उपयोग को नियंत्रित करने का काम करता है। थायराइड की समस्या निम्न कारणों से हो सकती है- इसमें आयोडीन की कमी, ऑटोइम्यूनिटी, असंतुलित जीवनशैली प्रमुख है। इससे या तो हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म होता है। आयुर्वेद डॉक्टर सलाह देती हैं कि कपालभाति शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसे आप रोजाना 10-15 मिनट तक जरूर करें। भ्रामरी प्राणायाम, जिसे हमिंग बी ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है, एक शांत श्वास अभ्यास है जो तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और आपको आपके आंतरिक स्वभाव से जोड़ने में मदद करता है। यह एक साँस लेने की तकनीक है जो हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को लाभ पहुँचाती है। इस तकनीक से थायरॉयड ग्रंथि को ट्रिगर करती है और आपकी सांस के साथ गले में घर्षण पैदा करती है। इसका 10-11 बार अभ्यास किया जा सकता है। आयुर्वेद डॉक्टर बताती हैं कि सिंघासन थायराइड को जड़ से खत्म करने में काफी कारगर है। यह आसन आंखों, चेहरे व गर्दन को स्वस्थ रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है। इस योगासन को रोजाना 7 से 11 बार करें।