कई महिलाओं के साथ ऐसा होता है कि फर्स्ट ट्राइमेस्टर में उनके बच्चे की धड़कन नहीं आती। इसका मतलब यह होता है कि उनका मिसकैरिज हो जाता है। इस स्थिति में अक्सर उन्हें समझ नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों हुआ है। हालांकि,इस विषय पर गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया ने हाल ही में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। एक्सपर्ट ने इसके पीछे दो अहम कारण बताए हैं।
डॉक्टर के बताए गए दो कारणों में से एक वजह ऐसी भी है, जिसे जानकर पति- पत्नी को खुद से ही नफरत हो सकती है। उन्हें ऐसा लग सकता है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया या फिर ऐसा नहीं करते, तो शायद उनका बच्चा बच जाता। चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है ऐसे कारण विस्तार से।
8वें हफ्ते में सुनाई देती है बच्चे की धड़कन
इंस्टाग्राम वीडियो में गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया एक महिला से कहती हैं कि सोनोग्राफी में अभी तक बच्चे की धड़कन नहीं दिख रही है। प्रेग्नेंसी के अब आठ हफ्ते की हो चुकी है। आठवें हफ्ते तक बच्चे की धड़कन सुनाई दे जाती है।
जरूरी नहीं है कि ऐसा ही हो
गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया अंत में बताती हैं कि ज्यादातर अबॉर्शन पहले तीन महीनों में ही होते हैं और इनका कारण अक्सर जेनेटिक होता है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि एक बार अर्बाट हो गया है, तो दोबारा प्रेग्नेंसी में भी ऐसा ही होगा। दोबारा, जो प्रेग्नेंसी होगी वो नॉर्मल भी हो सकती है। इसीलिए महिलाााएं इसबात का ध्यान रखें।