हरियाणा के इस कद्दावर नेता पर बनी है ये फिल्म, अभिषेख बच्चन बने ‘चौटाला’

Parmod Kumar

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‘दसवीं’ शुरू होती है हरित प्रदेश के जाट नेता गंगा राम चौधरी (अभिषेक बच्चन) से, जिसे टीचर भर्ती घोटाले में एसआईटी की छानबीन होने तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जेल जाने के बावजूद चौधरी साहब के नखरे उतने ही है। उन्हें अच्छा खाना, बिस्तर और दो-चार चेले चम्मचे चाहिए जो उनकी खातिरदारी करते रहे। लेकिन उनका ठाठ-बाट तब धरा रह जाता है जब जेलर ज्योति (यामी गौतम) की एंट्री होती है। रफ एंड टफ जेलर के आगे नेताजी के सारे नखरे धरे रह जाते हैं। वहीं दूसरी ओर गंगा राम के जेल जाने के बाद सीएम की कुर्सी पर उसकी बीवी (बिमला देवी) को मिलती है। वो बिमला जो सालों से पति की दादागिरी सहती आई है। अब पति के जेल जाने के बाद उसे कुर्सी का ऐसा चस्का लगता है कि वह किसी भी कीमत पर इसे गंवाना नहीं चाहती है। कहानी में मोड़ तब आता है जब जेल में आठवीं पास गंगा राम चौधरी पढ़ने की ठानता है। वह कसम खाता है कि अगर वह दसवीं पास नहीं करेगा तो वह कभी सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेगा। अब इसी बिंदु को लिए कहानी आगे बढ़ती है और अंत में आप देख पाएंगे कि क्या चौधरी साहब दसवीं पास कर पाते हैं? क्या उनकी अक्कड़ ठिकाने लगती है या फिर जीत के साथ घमंड दुगुना हो जाता है? इस फिल्म को देख आपको दो दिग्गज नेताओं की कहानी याद आएगी। एक तो बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की, जिन्होंने जेल जाने के बाद पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपी थी तो दूसरी कहानी, हरियाणा की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के कर्ताधर्ता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की। वही ओम प्रकाश चौटाला जिन्होंने जेल में रहकर 86 साल की उम्र में दसवीं पास की। फिल्म में अभिषेक बच्चन का लुक भी एकदम चौटाला की तरह देखने को मिलता है।