इस बार हरियाणा में किसान खुद मंडी में फसल लाने का शेड्यूल तय करेंगे, विवाद टालने को सरकार ने फैसला लिया।

Parmod Kumar

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इस बार धान सीजन में हरियाणा के किसान मंडी में अपनी फसल लाने के लिए खुद ही अपना शेड्यूल तय कर सकेंगे। सीजन में आने वाली दिक्कतों और टकराव को टालने के लिए सरकार ने यह व्यवस्था की है। जैसे ही धान की खरीद शुरू होगी, ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर जाकर किसान मंडी में फसल ले जाने का अपना दिन और समय तय कर सकेंगे।

प्रदेश में 46 लाख 98 हजार 833 एकड़ में धान की फसल लगाई गई है। फसल बेचने के लिए 750951 किसानों ने ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। 31 अगस्त तक पंजीकरण के बाद इसे बंद कर दिया गया है। 25 सितंबर से जैसे ही सरकारी खरीद शुरू होगी तो पोर्टल को फिर से खोल दिया जाएगा।

एक तरफ से खुलेगा कुंडली बॉर्डर: प्रशासन की अपील पर किसानों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया, सीएम ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक किसान अपनी पंजीकरण संख्या या मोबाइल नंबर के आधार पर मंडी में अपनी फसल लाने की तिथि और समय निर्धारित कर सकेंगे। इसके बाद किसान के पास मैसेज आएगा और उसे दिखाकर वह मंडी में अपनी फसल बेच सकेगा। कृषि विभाग, मार्केटिंग बोर्ड और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इसके लिए सभी तैयारियां कर ली हैं।

पिछली बार करनाल में हुआ था विवाद
इससे पहले किसान को पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होता था और बाद में मार्केटिंग बोर्ड अपने अनुसार किसानों को मंडी में फसल लाने के लिए मैसेज भेजता था। इसमें दिक्कत यह थी कि कई ऐसे किसानों के पास पहले मैसेज पहुंच जाते थे, जिनकी फसल नहीं पकी थी। दूसरा, उन किसानों को मैसेज नहीं मिलते थे, जिनकी फसल पक कर तैयार हो जाती थी। हर सीजन में इसके विरोध में किसान हंगामा करते थे। पिछली बार करनाल मंडी में इस मामले को लेकर दो दिन तक विवाद चला था। शुरू से ही किसानों की मांग रही कि शेड्यूल का अधिकार किसानों को दिया जाए।
व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए किसान पोर्टल पर खुद अपना शेड्यूल लिखेंगे, ताकि खरीद सुचारु हो और मंडियों में भीड़ न लगे। धान खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव खाद्य एवं आपूर्ति